Thursday 31 October 2013

कोर्ट केस पर काम शुरू और अंशदान के लिए संपर्क अभियान कल 1 नवंबर से शुरू.

दोस्‍तो, पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार अनुवादकों की कोऑर्डीनेशन कमेटी की आज दोपहर बोट क्‍लब पर एक बैठक संपन्‍न हुई जिसमें इस कमेटी ने सर्वसम्‍मति से निम्‍नलिखित निर्णय लिए हैं : 

1. पांच पैटीशनर्स के नाम तय किए गए जिसमें पांच अलग-अलग मंत्रालयों के अनुवादक शामिल होंगे. 
2. कल दिन में हमारी एक टीम अधिवक्‍ता से बातचीत को अंतिम रूप देगी. अधिवक्‍ता पैटीशन तैयार कर रहे हैं जिसमें उन्‍हें जल्‍द से जल्‍द फीस की अग्रिम राशि देनी होगी.
3. अभी तक हमने कोई कॉंट्रीब्‍यूशन ड्राइव शुरू नहीं की थी परंतु फिर भी अनुवादक साथियों से लगभग 35,000 रू हम तक पहुंच चुके हैं. यह बेहद उत्‍साहजनक शुरूआत है परंतु यह राशि अभी पर्याप्‍त नहीं है. हमें कम से कम 1 लाख रूपए का बजट लेकर चलना होगा. इसके लिए अनुवादकों की टीम कल से एक संपर्क अभियान शुरू कर रही है. जिसमें हम स्‍वयं आप तक पहुंचने का प्रयास करेंगे परंतु चूंकि समय बहुत कम है और काम काफी ज्‍यादा है अतएव आपसे अनुरोध है कि जो साथी इस अभियान में अपना अंशदान करना चाहते हैं वे टीम के निम्‍नलिखित किसी भी सदस्‍य को अपना अंशदान पहुंचा सकते हैं:

* श्रीमती विशाखा बिष्‍ट, राजस्‍व विभाग, नॉर्थ ब्‍लॉक
* सुश्री पूनम विमल, कृषि मंत्रालय, कृषि भवन
* श्री सौरभ आर्य, वस्‍त्र मंत्रालय, उद्योग भवन
* श्री दीपक डागर, आर्थिक कार्य विभाग, नॉर्थ ब्‍लॉक
* श्री ओमप्रकाश कुशवाहा, रक्षा मंत्रालय 


अनुवादक साथियों से विशेष रूप से कहना है कि
> ये अंशदान अनुवादकों द्वारा कैट में कनिष्‍ठ अनुवादकों हेतु 1.1.2006 से 4600 रू ग्रेड वेतन के संदर्भ में दायर किए जाने वाले केस के संबंध में संग्रहित किया जा रहा है. इस केस का कैट में पहले से चल रहे 1986 से असिस्‍टेंट के साथ पैरिटी वाले मामले से कोई संबंध नहीं है. दोनों मामले अलग-अलग हैं. 
> जिस मामले को लेकर हम लोग कोर्ट में जा रहे हैं उसका आधार सरकार के ही कुछ आदेशों की गलत व्‍याख्‍या को चुनौती और अब उन्‍हीं आदेशों की देश की विभिन्‍न अदालतों द्वारा अनुवादकों के पक्ष में की गई व्‍याख्‍याएं और निर्णय हैं. अतएव अनुवादक साथी दिग्‍भ्रमित न हों. 
> इस केस से कनिष्‍ठ एवं वरिष्‍ठ अनुवादक दोनों को लाभ मिलेगा अतएव इस अभियान में केवल कनिष्‍ठ अनुवादकों एवं वरिष्‍ठ अनुवादकों से ही अंशदान लिया जाएगा. सहायक निदेशक एवं उससे ऊपर के अधिकारियों से अंशदान नहीं लिया जाएगा. 
>अनुवादकों की ओर से अंशदान के लिए अधीकृत टीम के सदस्‍यों के नाम इस पेज अथवा ब्‍लॉग पर दर्शाए जा रहे हैं अतएव अंशदान केवल उन्‍हें ही दें. 
> सभी अंशदाताओं के नाम समय-समय पर सार्वजनिक किए जाते रहेंगे. यदि किसी साथी को कहीं कोई विसंगति नज़र आए तो तत्‍काल 09711337404 (सौरभ आर्य) पर संपर्क करें अथवा कोऑर्डीनेशन टीम के किसी भी सदस्‍य के संज्ञान में लाएं. 

विशेष : अनुवादकों की एक टीम कल प्रात: योजना भवन, डाक भवन, डीजीएसएंडडी, बैंकिंग डिवीजन, व निर्वाचन भवन आदि भवनों का दौरा कर अंशदान संग्रह करेगी. जो साथी इन कार्यालयों से अंशदान करने के इच्‍छुक हों वह कृपया 1000 रू की अंशदान की राशि अपने पास तैयार रखें. अंशदान करना अथवा न करना पूर्णतया स्‍वेच्‍छा का विषय है. आशा है सभी अनुवादक साथी इस आखिरी प्रयास में पूरे उत्‍साह के साथ सामने आएंगे. जो साथी अब तक अंशदान कर चुके हैं.....उनका पूरी टीम की ओर से आभार. 

और हां, हमारे कुछ साथी जो अभी भी निराशा से बाहर नहीं आ पा रहे हैं और बार बार कह रहे हैं कि यदि हम लोग कोर्ट में हार गए तो क्‍या होगा ? तो दोस्‍तो, हम हारे तो बरसों से बैठे हैं.....हमारे लिए हारने के लिए और कुछ नहीं बचा है......अब हमारे साथ कुछ होगा तो अच्‍छा ही होगा. अन्‍यथा जैसे थे वैसे तो रहेंगे ही. इसलिए खुद पर भरोसा रखें और अपने साथियों का भी हौंसला बढ़ाएं. सभी को इस प्रयास के लिए शुभकामनाएं.

Wednesday 30 October 2013

अनुवादकों के प्रस्‍ताव पर एसोसिएशन से कोई उत्‍तर नहीं. अब आगे बढ़ना होगा हमें.

मित्रो, एसोसिएशन से उम्‍मीदें अब छोड़नी होंगी. 25 अक्‍तूबर को हुई बैठक के बाद एसोसिएशन को अवगत कराया गया था कि अनुवादक चाहते हैं कि यह केस अनुवादक एसोसिएशन के नाम से दर्ज हो. दूसरा, एसोसिएशन राजभाषा विभाग से तत्‍काल जनवरी, 2013 में सौंपे गए प्रतिवेदन पर रिजेक्‍शन लैटर प्राप्‍त करे. रिजेक्‍शन लैटर के लिए पहले शुक्रवार का दिन तय था मगर उस दिन अध्‍यक्ष महोदय किसी आवश्‍यक कार्य का हवाला देकर राजभाषा विभाग न चल सके. फिर सोमवार दोपहर पूर्व का समय तय किया गया. कई लोगों की मौजूदगी में तय हुआ था कि अध्‍यक्ष महोदय सोमवार दोपहर पूर्व हमारे साथ राजभाषा विभाग चलेंगे. मगर हमारे बार-बार संपर्क कर चलने की बात कहने के बावजूद वे बिना किसी को सूचित किए राजभाषा विभाग गए. मगर आज अभी तक हमारे पास राजभाषा विभाग का रिजेक्‍शन लैटर नहीं पहुंचा है. यहां तक कि एसोसिएशन द्वारा अभी तक विभाग को लिखित में कोई रिमाइंडर तक नहीं दिया गया है. अध्‍यक्ष महोदय से जब जब हम किसी विषय पर बात करते हैं वे मजबूर नज़र आते हैं. ये उनके संगठन के भीतर की मजबूरियां है अथवा उन पर कोई बाहरी दबाव हैं....वे ही जानते हैं जोकि वे कभी भी निर्णय ले पाने की स्थिति में नहीं होते है.

25 अक्‍तूबर को उन्‍हें अनुवादकों द्वारा पारित निर्णयों से अवगत कराने के उपरांत से हो रहे घटनाक्रम को देखते हुए कोऑर्डीनेशन कमेटी ने महसूस किया कि इस प्रकार यदि एसोसिएशन आज जनता के दबाव को देखते हुए केस फाइल करने के लिए तैयार भी हो गई तो भविष्‍य में भी इसी प्रकार की लचर कार्यप्रणाली के चलते हम कैसे भरोसा कर सकते हैं कि हमारे एसोसिएशन के साथी इस केस के साथ न्‍याय कर पाएंगे ? तमाम अदृश्‍य विवशताओं, दबावों और लंबे प्रोटोकोल में उलझे हमारे साथी कैसे इस कार्य को अंजाम तक पहुंचाएंगे हमारी समझ से परे था. यह गंभीर प्रश्‍न था. जिस पर अनुवादकों की कोऑर्डीनेशन कमेटी ने आपस में विचार विमर्श के उपरांत निर्णय लिया कि अध्‍यक्ष महोदय से आग्रह किया जाए कि यदि वे सैद्धांतिक रूप में एसोसिएशन के नाम से केस लड़ने के लिए सहमत हों तो (कल दोपहर तक एक बैठक में वे सहमत नहीं थे) अनुवादकों की कोऑर्डीनेशन कमेटी के दो सदस्‍यों को अधिकार पत्र देकर इस केस में औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए अधिकृत कर दें. ताकि केस एसोसिएशन के नाम से ही रजिस्‍टर हो, संवर्ग में एक अच्‍छा संदेश जाए और केस में सारी मेहनत अनुवादक स्‍वयं करेंगे. इस प्रस्‍ताव पर अध्‍यक्ष महोदय को कल शाम 5 बजे तक हमें उत्‍तर देना था मगर अफसोस की बात है कि अभी तक कोई उत्‍तर नहीं दिया गया है. न ही इस संबंध में प्रेषित संदेश का कोई उत्‍तर मिला है. यह पहले ही स्‍पष्‍ट कर दिया गया था कि यदि कोई उत्‍तर नहीं मिला तो इसे आपकी ना ही समझा जाएगा.

25 तारीख को अपनी भली-भांति चल रही कार्रवाई को विराम देकर तब से अब तक हम एसोसिएशन का मुंह ताक रहे थे. नतीजा ढ़ाक के तीन पात ही रहा. अब और इंतजार कर समय बर्बाद नहीं किया जा सकता.

इसलिए तय रहा कि कल से हमारी कोऑर्डीनेशन टीम फिर से काम पर जुट रही है.

हमें अभी भी एसोसिएशन से कोई शिकायत नहीं है. अनुवादक इस कार्य को करने के लिए सक्षम हैं और वे इसे बिना किसी संदेह के पूरा भी करेंगे. आपसे विनती है कि रिजेक्‍शन लैटर जैसे कार्य जो केवल एसोसिएशन ही कर सकती है पूरा करने का कष्ट करें. हम आपके आभारी होंगे. हमें आशा है कि छोटी-मोटी औपचारिकताओं में जहां एसोसिएशन की आवश्‍यकता होगी एसोसिएशन हमारी मदद करेगी.
चलिए मित्रो सब कुछ भूल कर जुट जाते हैं लक्ष्‍य पर !!!

Sunday 27 October 2013

अनुवादकों की दूसरी बैठक सफलतापूर्वक संपन्‍न. 29 अक्‍तूबर, 2013 तक एसोसिएशन के उत्‍तर की प्रतीक्षा.

शुक्रवार दोपहर (25 अक्‍तूबर, 2013) को अनुवादकों की दूसरी बैठक सफलतापूर्वक संपन्‍न हुई. संवर्ग के लगभग 45-50 अनुवादकों की मौजूदगी में हुई इस बैठक में कनिष्‍ठ अनुवादकों हेतु 4600 रू ग्रेड वेतन संबंधी मामले पर एक बार फिर विस्‍तार से चर्चा की गई. इस चर्चा के दौरान एक दिन पूर्व 24 अक्‍तूबर को एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक में विभाग को एक और रिप्रेजेंटेश भेजने हेतु लिए गए एसोसिएशन के फैसले पर गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया. आज की बैठक में भी एसोसिएशन के पदाधिकारियेां को भी आमंत्रित किया गया था परंतु एसोसिएशन का कोई प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं हुआ. तमाम पहलुओं पर चर्चा के उपरांत बैठक में मौजूद सभी सदस्‍यों ने सर्वसम्‍मति से कुछ महत्‍वपूर्ण फैसले लिए गए. जो इस प्रकार हैं :

1. परिस्थितियों को देखते हुए 4600 ग्रेड वेतन मामले में एसोसिएशन सरकार को कोई रिप्रेजेंटेशन न दे. और शीघ्रातिशीघ्र, जनवरी में राजभाषा विभाग को सौंपे गए प्रतिवेदन के खारिज होने के संदर्भ में विभाग से लिखित उत्‍तर प्राप्‍त किया जाए.

2. इस मामले का समाधान केवल न्‍यायालय के माध्‍यम से हो सकता है अतएव बिना समय गंवाए अगले सप्‍ताह में ही कैट में केस दायर किया जाए.

3. यह केस एसोसिएशन के नाम पर ही दायर किया जाए तो बेहतर होगा. यदि एसोसिएशन इस बात से सहमत नहीं होती है तो अनुवादकों द्वारा स्‍वतंत्र रूप से अगले सप्‍ताह में ही केस फाइल कर दिया जाएगा.

बैठक के उपरांत, कुछ अनुवादकों ने एसासिएशन के अध्‍यक्ष श्री दिनेश कुमार से मुलाकात कर उन्‍हें अनुवादकों के हस्‍ताक्षरों के साथ बैठक में लिए गए निर्णयों वाला पत्र सौंपा और बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार एसोसिएशन को दिनांक 29.10.2013 (मंगलवार) तक अपने निर्णय से अवगत कराने का अनुरोध किया. एसोसिएशन को मंगलवार तक का समय दिए जाने से हमारे कार्य की गति में व्‍यवधान तो आया है परंतु अगर इस कार्य में एसोसिएशन का सहयोग भी अनुवादकों को प्राप्‍त हो तो इससे श्रेयस्‍कर कार्य कुछ न होगा. बैठक की शुरूआत में ही इस बात को स्‍पष्‍ट किया गया था कि अनुवादकों का यह प्रयास एसोसिएशन के विरूद्ध नहीं है और यही अपेक्षा हम एसोसिएशन से भी करते हैं कि वह जनभावनाओं का आदर करे और उनके प्रयासों को कमजोर करने के बजाए उनकी मदद करे.

आज की बैठक में अंशदान की प्रक्रिया भी प्रारंभ की गई. प्रति व्‍यक्ति 1000 रू का अंशदान फिलहाल निम्‍नलिखित प्रतिनिधियों तक पहुंचाया जा सकता है. जल्‍द ही अन्‍य क्षेत्रों/भवनों के लिए अंशदान संग्रह करने वाले प्रतिनिधियों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे.

*श्रीमती विशाखा बिष्‍ट, राजस्‍व विभाग, नॉर्थ ब्‍लॉक
*सुश्री पूनम विमल, कृषि मंत्रालय, कृषि भवन
*श्री सौरभ आर्य, वस्‍त्र मंत्रालय, उद्योग भवन
*श्री दीपक डागर, आर्थिक कार्य विभाग, नॉर्थ ब्‍लॉक
*श्री ओमप्रकाश कुशवाहा, रक्षा मंत्रालय
* श्री मणिभूषण, पर्यावरण मंत्रालय

बैठक में भाग लेने वाले सभी साथियों का आभार....आज इतनी भारी संख्‍या में प्रतिभागिता यकीनन उत्‍साह को बढ़ाने वाली थी. शुक्रिया उन सब का भी जो मजबूरियों के कारण आ तो न सके मगर संदेशों द्वारा इस प्रयास को अपना समर्थन दिया. आशा है संवर्ग के सभी अनुवादक अपने पूर्वाग्रहों को त्‍याग कर इस प्रयास में मदद करेंगे. याद रहे अपने लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए ये आखिरी मौका है. हमें एक लंबी लड़ाई लड़नी है जिसे हम मिलकर लड़ेंगे और जीतेंगे.

Wednesday 23 October 2013

अनुवादकों की बैठक दिनांक 25 अक्‍तूबर, 2013 को दोपहर 1.30 बजे आयोजित होगी.

दोस्‍तो, अनुवादकों की अगली बैठक दिनांक 25.10.2013 (शुक्रवार) को दोपहर 1.30 बजे बोट क्‍लब के निकट लॉन में आयोजित की जाएगी. इस बैठक में, कनिष्‍ठ अनुवादकों हेतु 4600 रू ग्रेड वेतन संबंधी मामले में हमारी टीम द्वारा कैट में दायर किए जाने वाले केस के संबंध में चर्चा की जाएगी. वकीलों से अभी तक हुई चर्चा के उपरांत उनके द्वारा मांगी जा रही फीस को देखते हुए यह तय किया गया है कि प्रति व्‍यक्ति अंशदान 1000 रू रहेगा. यहां कुछ बातें साफ तौर पर कहनी हैं :

1. व्‍यवहारिक रूप से यह केस केवल चार-पांच पैटीशनर्स के नाम पर दायर किया जाएगा चूंकि पैटीशनरों की संख्‍या बढ़ने से वकीलों की फीस भी उसी अनुपात में बढ़ जाएगी. अतएव पैटीशनर इस केस में समस्‍त अनुवादकों के प्रतिनिधि होंगे और केस में सीएसओएलएस  के अनुवादकों के लिए सामूहिक रूप से रिलीफ मांगा जाएगा ।
2. हम प्रारंभ में सीएसओएलएस के अनुवादकों सहित अधीनस्‍थ कार्यालयों के अनुवादकों को भी पैटीशनर्स में शामिल करना चाहते थे मगर वकीलों ने परामर्श दिया है कि सीएसओएलएस एवं अधीनस्‍थ कार्यालयों के लिए एक साथ रिलीफ मांगने से मामला थोड़ा उलझ सकता है इसलिए प्रारंभिक स्‍तर हम केवल सीएसओएलएस के अनुवादकों की बात करें. दूसरी ओर, चूंकि अधीनस्‍थ कार्यालयों के अनुवादक सीएसओएलएस के साथ पहले ही पैरिटी पर हैं इसलिए उन्‍हें यह लाभ सीएसओएलएस के अनुवादकों को मिलते ही स्‍वत: ही मिल जाएगा. इसलिए प्रत्‍यक्ष तौर पर अधीनस्‍थ कार्यालयों के अनुवादक पैटीशनर्स में शामिल न होते हुए भी इस केस का हिस्‍सा रहेंगे. यदि अधीनस्‍थ कार्यालयों के साथी अंशदान में सहयोग कर हमारे हाथ मजबूत करेंगे तो हम उनके आभारी रहेंगे. 
3. एक महत्‍वपूर्ण बात यह है कि हम अदालत में तभी जा सकते हैं जब हमारे विभाग/सरकार ने हमारे रिप्रेजेंटेशन को खारिज कर दिया हो. सीएसओएलएस पर यह बात लागू होती है चूंकि सीएसओएलएस के रिप्रेजेंटेशन को खारिज किया जा चुका है. इसलिए अधीनस्‍थ कार्यालयों के अनुवादक साथियों के लिए परामर्श है कि वे भी अपने अपने विभागों में श्रीमती लीना और एरनाकुलम फुल बैंच के 14 अक्‍तूबर, 2013 के आदेश के आलोक में 4600 ग्रेड वेतन दिए जाने का प्रतिवेदन दें. विभाग इसे राजभाषा विभाग को प्रेषित करते हैं या नहीं यह बाद की बात होगी. और यदि राजभाषा विभाग उन्‍हें ठुकराता है तो यह कोर्ट केस में मददगार साबित होगा. इसलिए तैयारियां पूरी रखें.
4. अंशदान 25 अक्‍तूबर को प्रस्‍तावित बैठक में मौके पर ही टीम के सदस्‍यों द्वारा एकत्र किया जाएगा. अतएव अंशदान के इच्‍छुक साथी अंशदान की राशि बैठक में साथ लेकर ही आएं. अंशदान के रखरखाव की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहेगी. प्रत्‍येक अंशदाता का विवरण सार्वजनिक किया जाएगा. 

यह बैठक बहुत महत्‍वपूर्ण है और इसमें आप सभी की प्रतिभागिता अपेक्षित है....क्‍योंकि इस बैठक में इस केस के संबंध में हम सभी को महत्‍वपूर्ण निर्णय लेने हैं. चलिए मिलकर लड़ते हैं ये आखिरी जंग....ताकि भविष्‍य में हमें कभी इसलिए शर्मिंदा न होना पड़े हमने सलीके से एक प्रयास भी नहीं किया. जीतने के लिए पहली शर्त आत्‍मविश्‍वास के साथ लड़ना है !!!


नोट: मित्रो समय कम है और हम व्‍यक्तिगत रूप से सभी अनुवादकों तक संदेश पहुंचा पाने में असमर्थ हैं....अतएव आप सभी से अनुरोध है कि कृपया इस बैठक की सूचना और संदेश अधिक से अधिक अनुवादक साथियों तक पहुंचाने का कष्‍ट करें.

Saturday 19 October 2013

क्‍या आप साथ देंगे 4600 ग्रेड पे लिए दायर किए जाने वाले केस में ?

प्रिय मित्रो, अब तक के अपडेट्स से आप जान ही चुके हैं कि सीएसओएलएस संवर्ग के अनुवादक 1.1.2006 से कनिष्‍ठ अनुवादकों हेतु 4600 ग्रेड वेतन लागू किए जाने के संबंध में शीघ्र ही कैट की दिल्‍ली ब्रांच में एक केस फाइल करने जा रहे हैं. 15 अक्‍तूबर को हुई अनुवादकों की एक विशेष बैठक में सभी ने सर्वसम्‍मति से यह फैसला लिया है. इस बैठक के बाद आए एक और कैट फैसले ने न केवल हमारे उत्‍साह को बढ़ाया है बल्कि इस बात की भी पुष्टि की है कि हम एकदम सटीक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. हमारे पास अब समय बहुत कम है. बहुत तेजी से कार्य करने की आवश्‍यकता है. हम सभी जानते हैं कि कोर्ट केस में वकील की फीस व अदालती प्रक्रिया में काफी खर्च आता है. यह कुछ लोगों के बस की बात नहीं होगी. जब इस केस का फायदा सभी को होना तय है तो क्‍यों न हम सभी मिलकर इस जंग को लड़ें ताकि हर कंधे पर बोझ कम पड़े. हमारी कोआर्डीनेशन टीम अगले सप्‍ताह में वकील तय करने से लेकर ड्राफ्टिंग आदि के कार्यों को सम्‍पन्‍न कर लेगी. वकील से उनकी फीस तय होने के उपरांत कोऑर्डीनेशन कमेटी प्रति व्‍यक्ति अंशदान की राशि तय करेगी. हमारी कोशिश है कि यह राशि कम से कम रखी जाए. मगर उससे पहले हमारे लिए यह जानना आवश्‍यक है कि हममें से कौन कौन इस केस में अंशदान के लिए तैयार है? ताकि हमें हमारी ताकत का अंदाजा हो और हम आगे की प्रक्रिया को बिना समय गंवाए आगे बढ़ा सकें. यह केस कनिष्‍ठ अनुवादकों एवं वरिष्‍ठ अनुवादकों दोनों से समान रूप से जुड़ा है. अतएव सभी अनुवादकों से अपेक्षा है कि आप आगे आकर इस आखिरी लड़ाई में हमारी ताकत बनें. ये हम सबकी अपनी लड़ाई है.

अभी हम उन साथियों की एक सूची तैयार कर रहे हैं जिनसे हमें अंशदान की राशि तय होने के उपरांत संपर्क करना है. यदि आप इस संघर्ष में अपना सहयोग व अंशदान देना चाहते हैं तो (मंगलवार तक)

* कृपया इस पोस्‍ट के कमेंट सैक्‍शन में सिर्फ YES पोस्‍ट कर दें.
* अथवा 09711337404 (सौरभ आर्य) / 09871136098 (दीपक डागर) पर "YES FOR 4600" लिख कर अपना NAME and Department का नाम SMS कर दें.
* आप चाहें तो नाम और विभाग का नाम अपने फोन नंबर सहित कमेंट सैक्‍शन में भी पोस्‍ट कर सकते हैं.
* अथवा ई मेल आईडी translatorsofcsols@yahoo.in पर भी भेज सकते हैं.

नोट: चूंकि यह मामला सीएसओएलस सहित अधीनस्‍थ कार्यालयों के अनुवादक साथियों के लिए भी समान रूप से संबंध रखता है इसलिए इस प्रयास में सभी का स्‍वागत है.

अपील : कृपया इस संदेश को अधिक से अधिक अनुवादक साथियों तक पहुंचाने का कष्‍ट करें. ONLINE या OFFLINE ये संदेश सभी तक पहुंचना चाहिए. अब जब यह हम सबकी अपनी जंग है तो इससे ज्‍यादा और क्‍या कहूं. चलिए जुट जाते हैं जी-जान से इस आखिरी प्रयास में 

Thursday 17 October 2013

कनिष्‍ठ अनुवादक हेतु 1.1.2006 से 4600 ग्रेड वेतन के संबंध में एरनाकुलम कैट ने दिया एक और महत्‍वपूर्ण फैसला.

सभी दोस्‍तों को जानकर हर्ष होगा कि 1.1.2006 से कनिष्‍ठ अनुवादकों हेतु 4600 रू ग्रेड वेतन की लड़ाई में एक और महत्‍वपूर्ण अदालती फैसला आ चुका है. जिसने कनिष्‍ठ अनुवादक की 1.1.1006 से 13.11.2009 के व्‍यय विभाग के का.ज्ञा. के आधार पर 4600 ग्रेड वेतन की मांग के संदर्भ में सभी संशयों को दूर कर दिया है. दिनांक 14 अक्‍तूबर, 2013 को एरनाकुलम कैट की फुल बैंच द्वारा पी.आर. आनंदावल्‍ली एवं श्री टी.एम.थॉमस के मामलों में एक महत्‍वपूर्ण फैसला देते हुए कनिष्‍ठ अनुवादकों की 1.1.2006 से 13.11.2009 के का.ज्ञा. के आधार पर मांग को जायज ठहराया है और कहा है कि इस विषय का फैसला पहले ही श्रीमती टी पी लीना के मामले में केरला उच्‍च न्‍यायालय में किया जा चुका है. (गौरतलब है कि श्रीमती टीपी लीना का मामला 4600 ग्रेड पे का न होकर पूर्णतया एमएससीपी के निर्धारण का था. मगर तमाम न्‍यायालयों ने माना है कि श्रीमती लीना के केस की एक महत्‍वपूर्ण फाइंडिंग यह भी थी कि 1.1.2006 को क. अनुवादक 13.11.2009 के का.ज्ञा. के अनुसार 4600 ग्रेड पे के हकदार हैं) . तकनीकी रूप से सरकार अब अपने स्‍टैंड को नहीं बदल सकती है. 

इस हालिया फैसले का मजमून स्‍वयं में बड़ा रोचक है. आप सभी अवश्‍य इसका अध्‍ययन करें. इस फैसले में माननीय केरला कैट ने ठीक उसी लाइन पर फैसला दिया है जिस पर अनुवादकों की हाल ही में दिनांक 15 अक्‍तूबर को बोट क्‍लब पर हुई बैठक में चर्चा की गई थी. इससे स्‍पष्‍ट होता है कि हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. साथियों इस फैसले से हमारे उत्‍साह में अभिवृद्धि हुई है.....आइए और दुगने उत्‍साह से अपने लक्ष्‍य की ओर आगे बढ़ें. हम लडेंगे और हर हाल में जीतेंगे. हां, यहां श्रीमती टीपी लीना का जितना भी धन्‍यवाद दिया जाए कम ही होगा. उन्‍होंने ही इस अंधेरे में रौशनी की पहली किरण देशभर के अनुवादकों को दिखाई है. श्रीमती लीना ने इस फैसले की जो प्रति मुझे प्रेषित की है उसे आप सभी के ध्‍यानार्थ यहां प्रस्‍तुत कर रहा हूं. आपकी प्रतिक्रियाओं का स्‍वागत है. 


फैसले की प्रति Translators' Club की संबंधित पोस्‍ट से डाउनलोड की जा सकती है. 

Tuesday 15 October 2013

अनुवादकों की बैठक सफलतापूर्वक संपन्‍न. अनुवादक स्‍वयं लड़ेंगे 1.1.2006 से 4600 ग्रेड वेतन का केस.

कनिष्‍ठ अनुवादकों को 1.1.2006 से 4600 ग्रेड वेतन दिए जाने के विषय पर आज बोट क्‍लब के निकट अनुवादकों की एक विशेष बैठक आयोजित हुई. बैठक में 1.1.2006 के उपरांत उत्‍पन्‍न हुई परिस्थितियों और कनिष्‍ठ अनुवादकों की 4600 ग्रेड वेतन की लड़ाई के सभी पहलुओं पर विस्‍तार से चर्चा की गई. चर्चा के दौरान तमाम प्रश्‍नों पर तथ्‍यों और तर्कों के साथ विचार-विमर्श किया गया. यहां उल्‍लेखनीय है कि आज की बैठक के लिए किसी भी अनुवादक साथी को फोन करके नहीं बुलाया गया था...मगर यह हर्ष का विषय था कि इस संवेदनशील विषय पर कुल 26 अनुवादकों ने भाग लिया. परंतु यह खेद का विषय था कि आमंत्रित किए जाने के बावजूद इस बैठक में एसोसिएशन से एक भी पदाधिकारी/सदस्‍य शामिल नहीं हुआ. मगर इससे बैठक में मौजूद अनुवादकों का उत्‍साह कम नहीं हुआ. इधर यह स्‍पष्‍ट है कि सातवें वेतन आयोग के गठन की घोषण के आलोक में इस दिशा में कार्रवाई किए जाने के लिए बहुत कम समय बचा है. इस दौरान कुछ सकारात्‍मक कोर्ट आर्डर्स आए हैं जिनसे हमारा उत्‍साह बढ़ा है. विभिन्‍न पहलुओं पर विचार के उपरांत सभी सदस्‍यों ने समवेत स्‍वर से इस विषय में स्‍वयं आगे कार्रवाई किए जाने का निर्णय लिया.

आज की बैठक में लिए गए महत्‍वूपूर्ण निर्णय इस प्रकार हैं :
1. 4600 ग्रेड वेतन मामले में एक केस कैट में दायर किया जाएगा.
2. इस केस को दायर करने के लिए एक आठ सदस्‍यीय कोआर्डीनेशन कमेटी गठित की गई है जिसके सदस्‍य इस प्रकार हैं :

*श्रीमती विशाखा बिष्‍ट, राजस्‍व विभाग, नॉर्थ ब्‍लॉक
*सुश्री पूनम विमल, कृषि मंत्रालय, कृषि भवन
*श्रीमती भावना मदान, वाणिज्य विभाग, उद्योग भवन
*श्री सौरभ आर्य, वस्‍त्र मंत्रालय, उद्योग भवन
*श्री दीपक डागर, आर्थिक कार्य विभाग, नॉर्थ ब्‍लॉक
*श्री ओमप्रकाश कुशवाहा, रक्षा मंत्रालय
*श्री प्रमोद कुमार, रक्षा मंत्रालय,
*श्री अंकुर भटनागर, भारी उद्योग मंत्रालय

3. अनुवादकों की अगली बैठक आगामी सप्‍ताह में आयोजित की जाएगी.
4. इस सप्‍ताह न्‍यायालय में केस दायर करने की तैयारियों को अंतिम रूप देकर अगले सप्‍ताह बैठक में मसौदे पर चर्चा कर अगले सप्‍ताह में ही कैट में केस दायर किया जाएगा. इसके लिए शीघ्र ही एडवोकेट से परामर्श किया जाएगा.
5. चूंकि एडवोकेट प्रारंभ में ही लगभग 50 प्रतिशत फीस की मांग करेंगे अतएव अगले सप्‍ताह तक इस 50 प्रतिशत फीस की व्‍यवस्‍था करना.
6. यह केस चूंकि सभी अनुवादक मिलकर लड़ेंगे इसलिए वकील से बातचीत के उपरांत ही अंशदान की राशि निर्धारित की जाएगी....और सभी अनुवादक स्‍वेच्‍छा से योगदान करेंगे. इसके लिए शीघ्र ही सूचना दी जाएगी.
7. चूंकि यह मामला सीएसओएलएस सहित अधीनस्‍थ कार्यालयों के अनुवादकों से भी जुड़ा हुआ है अतएव वे भी बराबर रूप से इस लड़ाई का हिस्‍सा रहेंगे.
8. अनुवादकों की बैठकें नियमित अंतराल पर आयोजित होंगी जिसमें सभी अनुवादक आमंत्रित होंगे.
9. इस केस को लड़ने की पूरी प्रक्रिया पूर्णतया पारदर्शी, समावेशी और लोकतांत्रिक होगी. कार्रवाई से जुड़े सभी सदस्‍यों को समान अधिकार प्राप्‍त होगा.

यहां विशेष रूप से उल्‍लेखनीय है कि अनुवादकों द्वारा किया जा रहा यह प्रयास किसी व्‍यक्ति अथवा संस्‍था विशेष के विरूद्ध नहीं है. यह अनुवादकों के साझे हितों का प्रश्‍न मात्र है जिसे विशेष परिस्थितियों में अनुवादकों द्वारा सुलझाने का एक और प्रयास भर समझा जाना चाहिए. सभी उपस्थित सदस्‍यों का आभार....हमें आशा है कि आने वाले दिनों में और अनुवादक साथी भी इस मिशन से जुड़ेंगे.

Tuesday 8 October 2013

4600 ग्रेड पे के लिए अनुवादकों की बैठक 15 अक्‍तूबर, 2013 को

दोस्‍तो, आप जानते ही हैं कि कनिष्‍ठ अनुवादको के लिए 4600 ग्रेड वेतन के संबंध में एसोसिएशन की ओर से जनवरी माह में भेजे गए प्रतिवेदन को व्‍यय विभाग द्वारा रिजेक्‍ट किया जा चुका है. इधर 1986 का मामला भी न्‍यायालय में प्रतीक्षित है. 1986 का यह केस कनिष्‍ठ अनुवादकों के लिए पूरी तरह कारगर होगा अथवा नहीं इस संबंध में आज तक अनुवादकों के मध्‍य मतैक्‍य नहीं हो पाया है. फिर भी हम इस मामले को भी पूरी ताकत से लड़े जाने के पक्ष में हैं. मगर अनुभव को देखते हुए मात्र इस केस के भरोसे इस विषय को नहीं छोड़ा जा सकता. सातवें वेतन आयोग के गठन और तमाम आसन्‍न खतरों की शंकाओं के मध्‍य यहां कुछ अनुवादक साथी पिछले काफी समय से विभिन्‍न दृष्टिकोण से 4600 ग्रेड पे की मांग को पूरा कराने के सभी संभावित विकल्‍पों पर कार्य कर रहे हैं. तमाम मंत्रालयों में आरटीआई के जरिए आवश्‍यक सूचनाएं प्राप्‍त करना, तमाम दस्‍तावेजों का अध्‍ययन और कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श इस पूरी कवायद का हिस्‍सा रहा है. इस दौरान कई महत्‍वपूर्ण तथ्‍य और दस्‍तावेज भी सामने आए हैं. अब कुछ नतीजे हैं, कुछ सुझाव हैं....जिनके आधार पर तुरंत कार्रवाई की जरूरत महसूस हो रही है. चूंकि सातवें वेतन आयोग के गठन के बाद अब ये प्रयास शायद आखिरी बार ही होंगे इसलिए हम कोई गुंजाइश नहीं छोड़ना चाहते. इसके लिए आप सभी मित्रों का भी सहयोग चाहिए. इसलिए जो भी अनुवादक साथी इस विषय के प्रति चिंतित हैं....कोई सुझाव देना चाहते हैं/सहायता करना चाहते हैं....वे सभी दिनांक 15 अक्‍तूबर, 2013 (मंगलवार) को दोपहर 1.30 बजे बोट क्‍लब के निकट लॉन में आमंत्रित हैं. हम सभी इस विषय पर चर्चा के उपरांत सर्वसम्‍मति से एक निर्णय लेंगे और जिस भी स्‍तर पर कार्रवाई अपेक्षित होगी.....प्रयास करेंगे. हमें पूरी आशा है कि संवर्ग के हित की बात को सशक्‍त रूप से किसी मंच पर रखने के लिए एसोसिएशन के पदाधिकारी हमारा सहयोग करेंगे. हमारा सहयोग जहां भी अपेक्षित होगा.....हम देने के लिए सदैव तत्‍पर रहेंगे. चूंकि यह मामला सभी अनुवादकों से जुड़ा हुआ है अतएव इस बैठक में अधीनस्‍थ कार्यालयों के अनुवादक भी आमंत्रित हैं. 

नोट: यह बैठक पूर्व में दिनांक 14 अक्‍तूबर, 2013 (सोमवार) को प्रस्‍तावित थी जोकि अब 15 अक्‍तूबर को 1.30 बजे आयोजित होगी.