1981 से लेकर अब तक संवर्ग ने लम्बा समय व्यतीत किया है। वर्षों तक प्रशासनिक और राजनीतिक उपेक्षा और उदासीनता का शिकार रहा संवर्ग कुछ वर्षों तक एडहॉक सेवा के ऐसे गर्त में जा पहुंचा जहाँ से बाहर निकल कर सभी पदों को भर पाना इस समय चुनौतीपूर्ण कार्य हो गया है। संवर्ग को पुनः पटरी पर लाने के लिए अभी बहुत प्रयासों की आवश्यकता है। स्थितियां बदल रही हैं लेकिन गति की आवश्यकता है। हमारा लक्ष्य है कि व्यवस्था अधिक से अधिक पारदर्शी, समावेशी और न्यायसंगत बने। देश भर के अनुवादकों की आकांक्षाओं और अभिलाषाओं को लंबे समय से अनसुना किया गया है। हम आशा करते हैं कि वर्तमान और भविष्य हमें अवश्य सुनेंगे।
साथियो, हम सभी को मिलकर इस संवर्ग को पहले से और अधिक बेहतर बनाना है और इसके लिए संगठित होना पहली शर्त है। निजी हित से ऊपर संवर्ग के हित को प्राथमिकता देनी होगी। समय लगेगा लेकिन कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होगा। हमें अपने भविष्य का निर्माण स्वयं करना है।
आप सभी को एसोसिएशन की ओर से संवर्ग के स्थापना दिवस की पुनः हार्दिक शुभकामनाएं। 🙏