प्रिय मित्रो, आप सभी श्रीमती टी.पी. लीना (कनिष्ठ
अनुवादक) के केरला उच्च न्यायालय के उस केस से परिचित ही होंगे जिसमें केरला कैट
बैंच ने श्रीमती लीना के एमएसीपी के मामले में उन्हें कनिष्ठ अनुवादक के तौर पर 4600 रू ग्रेड पे का हकदार मानते हुए तदनुसार क्रमश:
4800 एवं 5400 रू की एमएसीपी प्रदान करने के आदेश दिए थे. परंतु सरकार द्वारा
मामले को केरला उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई...और पुन: फैसला श्रीमती लीना के
पक्ष में दिया गया था. इसके
उपरांत श्रीमती लीना के विभाग ने मामले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी. इसी
दौरान एसोसिएशन श्रीमती लीना के संपर्क में आई और मामले पर निकट से निगरानी रखी जा
रही थी. दिनांक 15.10.2012
को इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में एडमिट या खारिज करने के संबंध में पहली तारीख
थी. आपको जानकर हर्ष होगा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में सरकारी
पक्ष में कोई मैरिट न देखते हुए इस एसएलपी को एडमिट नहीं किया है. यह अनुवादकों के
हित में दूरगामी परिणाम लेकर आने वाला है. इससे न केवल कनिष्ठ अनुवादकों को 4600 ग्रेड पे का हक मिलेगा बल्कि क्रमश: 4800 एवं 5400
की एमएसीपी का मार्ग भी प्रशस्त होगा.
इस संबंध में कुछ साथियों ने अनुवादक मित्रों से
स्वतंत्र रूप से अपने अपने विभागों में अभ्यावेदन देने का अनुरोध किया है. इस
संबंध में एसोसिएशन का मत है कि इस प्रकार सभी अनुवादकों द्वारा अपने अपने
मंत्रालयों/विभागों को पृथक पृथक अभ्यावेदन दिए जाने से कोई विशेष लाभ नहीं होगा.
क्योंकि कोई भी विभाग/मंत्रालय इस मामले में पार्टी नहीं था अतएव वे स्वत: इस
आदेश की अनुपालना के लिए बाध्य नहीं हैं. ऐसे आवेदनों को वे स्पष्टीकरण हेतु
राजभाषा विभाग अथवा वित्त मंत्रालय को अग्रेषित करेंगे. अब कल्पना कीजिए कि एक
ही जैसे मामलों पर अलग अलग तरह के सैंकडों अभ्यावेदन इधर से उधर होंगे. जिससे
गफलत का माहौल बनने की संभावना है. इस संबंध में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के
आदेश की प्रति प्राप्त होते ही एसोसिएशन राजभाषा विभाग को एक विस्तृत अभ्यावेदन
प्रस्तुत करेगा. जिस पर विभाग से सभी मंत्रालयों/विभागों के लिए मान्य आदेश जारी
करने का अनुरोध किया जाएगा. ताकि एक साथ सभी अनुवादक साथियों को इसका लाभ प्राप्त
सके. इसलिए सभी अनुवादक साथियों से अनुरोध है कि अभी किसी प्रकार की जल्दबाजी न
करें. एसोसिएशन इस संबंध में होने वाली प्रगति से नियमित रूप से आप सभी को सूचित
करती रहेगी.
हम श्रीमती टी.पी.लीना के साहस को सलाम करते हैं. कैडर के अनुवादकों को भी यही हक दिलाने के लिए एसोसिएशन कटिबद्ध है और इस दिशा में सभी आवश्यक कार्रवाई करेगी. फिलहाल सभी को शुभकामनाएं :)
EEshwar Ke Darbar mein der ho sakta hai.......Lakin Andher naheen.............
ReplyDeleteCongrats Leena ji.......With Regards,
Dr.P.R.HAREENDRA SARMA
It has been rightly said God helps those who help themselves.Congrats Leena:)-madhvi
ReplyDeleteहमारे जैसे क. हि. अनुवादक जो कि मंत्रालय के अधीनस्थ कार्यालयों में कार्यरत है, आप के Central Secretariat Official Language Service के दायरे के बाहर हे, क्या उन का भी ग्रेड पे 4200 से 4600 बन पाएगा
ReplyDelete@Jeevandarsan Priuadarsanan,
Deleteजी यकीनन, अगर केन्द्रीय सचिवालय सेवा को यह लाभ मिलता है तो आप जैसे सभी साथियों को भी यही साधिकार मिलेगा. दूसरे आप जानते ही होंगे कि उपर्युक्त मामले में भी श्रीमती टी.पी लीना csols से बाहर है परंतु उन्हें भी यह ग्रेड पे दिया जा रहा है.
प्रिय MEDERATOR महोदय,
ReplyDeleteआपको दीपावली की ढेरों शुभकामनाएं.
CSOLS ने उपर्युक्त सम्बन्ध में अभी कोई कार्यवाही प्रारंभ की है या नहीं?हमारा डिपार्टमेंट यह कह कर मुद्दे को टाल रहा है कि DOPT से निर्देश न मिलने की स्थिति में इसे लागू नहीं किया जा सकता.क्या एसोसिएशन इस सम्बन्ध में कोई प्रयास कर रही है?DOPT इस सम्बन्ध में कैसे निर्देश जारी करेगा कृपया इस सम्बन्ध में भी प्रयास करें ताकि हम जैसे अधीनस्थ कार्यालय के अनुवादकों को शीघ्र ही इसका लाभ मिल सके.-माधवी