कोर्ट के मामले बस इसी तरह न जाने कितने सालों तक खिंचते चले जाते हैं। यूँ मानकर चलिए कि इन मामलों में अक्सर संयम और विश्वसास की परीक्षा ली जाती है। सूखद बात यह है कि जंग तो अब छिड चुकी है और हमें हार नहीं मानना है, फिर चाहे तारीख पे तारीख ही क्यों न बदलती चली जाएं। हमें डट कर खडे रहना है, टस से मस नहीं होना है जब तक कि हम परिणाम के आखिरी छोर तक न पहुँच जाएं। देखिए शायद आज कुछ होता हो। सभी साथी आशा और विश्वास कायम रक्खें।
तारीख पर तारीख पता नहीं यह सिलसिला खत्म कब होगा
ReplyDeleteकोर्ट के मामले बस इसी तरह न जाने कितने सालों तक खिंचते चले जाते हैं। यूँ मानकर चलिए कि इन मामलों में अक्सर संयम और विश्वसास की परीक्षा ली जाती है। सूखद बात यह है कि जंग तो अब छिड चुकी है और हमें हार नहीं मानना है, फिर चाहे तारीख पे तारीख ही क्यों न बदलती चली जाएं। हमें डट कर खडे रहना है, टस से मस नहीं होना है जब तक कि हम परिणाम के आखिरी छोर तक न पहुँच जाएं। देखिए शायद आज कुछ होता हो। सभी साथी आशा और विश्वास कायम रक्खें।
Deleteप्रिय साथियों, आज सुनवाई की जानकारी यथाशीघ्र अपडेट करने का कष्ट करें.
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