कनिष्ठ अनुवादकों को 1.1.2006 से 4600 ग्रेड वेतन दिए जाने के विषय पर आज बोट क्लब के निकट अनुवादकों की एक विशेष बैठक आयोजित हुई. बैठक में 1.1.2006 के उपरांत उत्पन्न हुई परिस्थितियों और कनिष्ठ अनुवादकों की 4600 ग्रेड वेतन की लड़ाई के सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई. चर्चा के दौरान तमाम प्रश्नों पर तथ्यों और तर्कों के साथ विचार-विमर्श किया गया. यहां उल्लेखनीय है कि आज की बैठक के लिए किसी भी अनुवादक साथी को फोन करके नहीं बुलाया गया था...मगर यह हर्ष का विषय था कि इस संवेदनशील विषय पर कुल 26 अनुवादकों ने भाग लिया. परंतु यह खेद का विषय था कि आमंत्रित किए जाने के बावजूद इस बैठक में एसोसिएशन से एक भी पदाधिकारी/सदस्य शामिल नहीं हुआ. मगर इससे बैठक में मौजूद अनुवादकों का उत्साह कम नहीं हुआ. इधर यह स्पष्ट है कि सातवें वेतन आयोग के गठन की घोषण के आलोक में इस दिशा में कार्रवाई किए जाने के लिए बहुत कम समय बचा है. इस दौरान कुछ सकारात्मक कोर्ट आर्डर्स आए हैं जिनसे हमारा उत्साह बढ़ा है. विभिन्न पहलुओं पर विचार के उपरांत सभी सदस्यों ने समवेत स्वर से इस विषय में स्वयं आगे कार्रवाई किए जाने का निर्णय लिया.
आज की बैठक में लिए गए महत्वूपूर्ण निर्णय इस प्रकार हैं :
1. 4600 ग्रेड वेतन मामले में एक केस कैट में दायर किया जाएगा.
2. इस केस को दायर करने के लिए एक आठ सदस्यीय कोआर्डीनेशन कमेटी गठित की गई है जिसके सदस्य इस प्रकार हैं :
*श्रीमती विशाखा बिष्ट, राजस्व विभाग, नॉर्थ ब्लॉक
*सुश्री पूनम विमल, कृषि मंत्रालय, कृषि भवन
*श्रीमती भावना मदान, वाणिज्य विभाग, उद्योग भवन
*श्री सौरभ आर्य, वस्त्र मंत्रालय, उद्योग भवन
*श्री दीपक डागर, आर्थिक कार्य विभाग, नॉर्थ ब्लॉक
*श्री ओमप्रकाश कुशवाहा, रक्षा मंत्रालय
*श्री प्रमोद कुमार, रक्षा मंत्रालय,
*श्री अंकुर भटनागर, भारी उद्योग मंत्रालय
3. अनुवादकों की अगली बैठक आगामी सप्ताह में आयोजित की जाएगी.
4. इस सप्ताह न्यायालय में केस दायर करने की तैयारियों को अंतिम रूप देकर अगले सप्ताह बैठक में मसौदे पर चर्चा कर अगले सप्ताह में ही कैट में केस दायर किया जाएगा. इसके लिए शीघ्र ही एडवोकेट से परामर्श किया जाएगा.
5. चूंकि एडवोकेट प्रारंभ में ही लगभग 50 प्रतिशत फीस की मांग करेंगे अतएव अगले सप्ताह तक इस 50 प्रतिशत फीस की व्यवस्था करना.
6. यह केस चूंकि सभी अनुवादक मिलकर लड़ेंगे इसलिए वकील से बातचीत के उपरांत ही अंशदान की राशि निर्धारित की जाएगी....और सभी अनुवादक स्वेच्छा से योगदान करेंगे. इसके लिए शीघ्र ही सूचना दी जाएगी.
7. चूंकि यह मामला सीएसओएलएस सहित अधीनस्थ कार्यालयों के अनुवादकों से भी जुड़ा हुआ है अतएव वे भी बराबर रूप से इस लड़ाई का हिस्सा रहेंगे.
8. अनुवादकों की बैठकें नियमित अंतराल पर आयोजित होंगी जिसमें सभी अनुवादक आमंत्रित होंगे.
9. इस केस को लड़ने की पूरी प्रक्रिया पूर्णतया पारदर्शी, समावेशी और लोकतांत्रिक होगी. कार्रवाई से जुड़े सभी सदस्यों को समान अधिकार प्राप्त होगा.
यहां विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि अनुवादकों द्वारा किया जा रहा यह प्रयास किसी व्यक्ति अथवा संस्था विशेष के विरूद्ध नहीं है. यह अनुवादकों के साझे हितों का प्रश्न मात्र है जिसे विशेष परिस्थितियों में अनुवादकों द्वारा सुलझाने का एक और प्रयास भर समझा जाना चाहिए. सभी उपस्थित सदस्यों का आभार....हमें आशा है कि आने वाले दिनों में और अनुवादक साथी भी इस मिशन से जुड़ेंगे.
आज की बैठक में लिए गए महत्वूपूर्ण निर्णय इस प्रकार हैं :
1. 4600 ग्रेड वेतन मामले में एक केस कैट में दायर किया जाएगा.
2. इस केस को दायर करने के लिए एक आठ सदस्यीय कोआर्डीनेशन कमेटी गठित की गई है जिसके सदस्य इस प्रकार हैं :
*श्रीमती विशाखा बिष्ट, राजस्व विभाग, नॉर्थ ब्लॉक
*सुश्री पूनम विमल, कृषि मंत्रालय, कृषि भवन
*श्रीमती भावना मदान, वाणिज्य विभाग, उद्योग भवन
*श्री सौरभ आर्य, वस्त्र मंत्रालय, उद्योग भवन
*श्री दीपक डागर, आर्थिक कार्य विभाग, नॉर्थ ब्लॉक
*श्री ओमप्रकाश कुशवाहा, रक्षा मंत्रालय
*श्री प्रमोद कुमार, रक्षा मंत्रालय,
*श्री अंकुर भटनागर, भारी उद्योग मंत्रालय
3. अनुवादकों की अगली बैठक आगामी सप्ताह में आयोजित की जाएगी.
4. इस सप्ताह न्यायालय में केस दायर करने की तैयारियों को अंतिम रूप देकर अगले सप्ताह बैठक में मसौदे पर चर्चा कर अगले सप्ताह में ही कैट में केस दायर किया जाएगा. इसके लिए शीघ्र ही एडवोकेट से परामर्श किया जाएगा.
5. चूंकि एडवोकेट प्रारंभ में ही लगभग 50 प्रतिशत फीस की मांग करेंगे अतएव अगले सप्ताह तक इस 50 प्रतिशत फीस की व्यवस्था करना.
6. यह केस चूंकि सभी अनुवादक मिलकर लड़ेंगे इसलिए वकील से बातचीत के उपरांत ही अंशदान की राशि निर्धारित की जाएगी....और सभी अनुवादक स्वेच्छा से योगदान करेंगे. इसके लिए शीघ्र ही सूचना दी जाएगी.
7. चूंकि यह मामला सीएसओएलएस सहित अधीनस्थ कार्यालयों के अनुवादकों से भी जुड़ा हुआ है अतएव वे भी बराबर रूप से इस लड़ाई का हिस्सा रहेंगे.
8. अनुवादकों की बैठकें नियमित अंतराल पर आयोजित होंगी जिसमें सभी अनुवादक आमंत्रित होंगे.
9. इस केस को लड़ने की पूरी प्रक्रिया पूर्णतया पारदर्शी, समावेशी और लोकतांत्रिक होगी. कार्रवाई से जुड़े सभी सदस्यों को समान अधिकार प्राप्त होगा.
यहां विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि अनुवादकों द्वारा किया जा रहा यह प्रयास किसी व्यक्ति अथवा संस्था विशेष के विरूद्ध नहीं है. यह अनुवादकों के साझे हितों का प्रश्न मात्र है जिसे विशेष परिस्थितियों में अनुवादकों द्वारा सुलझाने का एक और प्रयास भर समझा जाना चाहिए. सभी उपस्थित सदस्यों का आभार....हमें आशा है कि आने वाले दिनों में और अनुवादक साथी भी इस मिशन से जुड़ेंगे.
परम आदरणीय श्री आर्य जी
ReplyDeleteसादर प्रणाम
आज की बैठक की जानकरी प्राप्त हुई व प्रसन्नता हुई कि बैठक का मुख्य मुददा अनुवादकों के वेतनमान से जुडा हुआ है । केस करने से पूर्व मेरी सिर्फ एक बात को ध्यान में रखा जाए कि यदि इसी सप्ताह श्रीमती शीला दीक्षित मुख्यमंत्री से एकबार बात कर ली जाए तो बेहतर है क्यांकि मतदान का समय है व दिल्ली में काफी अनुवादक भाई परिवार सहित रहते हैं तो मेरे हिसाब से यह ढंग भी कुछ हद तक चल सकता है अन्यथा कोर्ट केस एक मात्र सहारा है तथा इस केस में यह केस टीपी लीना की तरह एक कर्मचारी का न होकर समस्त अनुवादकों की ओर से हो तो अच्छा है क्योंकि कोर्ट का लाभ उसे ही मिलता है जिसने केस किया हो । दूसरे हमारी श्री एस एन काशीकर जी भी इस केस में एक विशेष परामर्श देते रहे हैं उनसे अवश्य परामर्श किया जाए क्योंकि उनके अनुसार इस केस में 1/1/2006 से एमएसीपी के लिए निर्णय दिया गया है तथा अन्य विभाग जो 1/1/2006 से 4600/- ग्रेड वेतन प्रदान कर रहे हैं उनके कागजात भी साथ में लगाए जाएं । आर्य जी आप बहुत बुद्धिमान हैं अत: एह केस एकाध पेशी में ही जीता जा सकता है सिर्फ केस को
समझाने की बात ही है परम प्रिय परमेश्वर आप सभी की कामना पूरी करें ऐसी मेरी मनोकामना है पूरा जोर अन्य बातों को छोडकर इन्ही बातों में लगा दिया जाए ।
कार्य सम्पन्न की कामना के साथ सादर सहित
डा विजय शर्मा
प्रिय श्री सौरभ जी, सस्नेह नमस्कार
ReplyDeleteबैठक में लिए गए निर्णय अत्यंत सुयोग्य हैं और मैं समझता हूँ कि सभी अनुवादकों को इन पर कोई आपत्ति नहीं हैं और सभी इन निर्णयों से सहमत हैं। क्योंकि 'योजकस्तत्र दुर्लभ:' - मार्गदर्शकों की कमी नहीं होती मगर योजक की, योजनाबद्ध तरीके से कार्य को संपन्न करनेवालों की कमी होती है। इस कमी को अनुवादक मंच और अभी गठित आठ सदस्यीय को-आर्डिनेशन कमीटी पूरी कर रही है।
अनुवादक गण के लिए आपके और आपके साथियों द्वारा तात्विक रूप से लडी जानेवाली केस में सिद्धि प्राप्ति के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ। साथ में आठ सदस्यीय को-आर्डीनेशन कमेटी के सभी सदस्य को भी हार्दिक बधाइयाँ।
आशा करता हूँ कि संभाव्य/आवश्यक अंशदान देने/भेजने में भी हमारे अनुवादक साथी हिचकिचायेंगे नहीं।
शरत्कुमार ना काशीकर्