Wednesday 16 October 2019

अनुवाद अधिकारियों की बैठक संपन्‍न, अब नियमित रूप से होंगी बैठकें

मित्रोकेंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा के कनिष्‍ठ एवं वरिष्‍ठ अनुवाद अधिकारियों की एक बैठक दिनांक 15 अक्‍तूबर, 2019 को बोट क्‍लब पर आयोजित की गई। बरसों बाद आयोजित हुई इस बैठक में संवर्ग के साथियों की उपस्थिति उत्‍साहजनक थी। बैठक के प्रारंभ में निम्‍न सात मुद्दों पर संक्षिप्‍त चर्चा की गई:
1. कनिष्ठ अनुवाद अधिकारियों के लिए 4600 ग्रेड वेतन
2.  कनिष्ठ तथा वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी पदों का मर्जर अथवा
3. वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी को राजपत्रित दर्जा दिया जाना
4. कनिष्ठ अनुवाद अधिकारियों को शुरुआती स्तर पर अनिवार्य प्रशिक्षण
5. भर्ती नियमों की सेवा शर्तों में सुधार
6. सीधी भर्ती को न रोक पाने की स्थिति में सीधी भर्ती परीक्षा के त्रुटिपूर्ण स्वरूप में सुधार (लिखित परीक्षा के स्थान पर वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछा जाना और अनुवाद के ज्ञान की परीक्षा न लिया जाना तथा परीक्षा का 95% हिस्सा केवल हिंदी भाषा और विशेष रूप से हिंदी साहित्य पर आधारित होना परीक्षा के नाम पर धोखा है)
7. संवर्ग के अधिकारियों को या तो आईएसटीएम से प्रशिक्षण दिलाया जाए अथवा हिंदी शिक्षण संस्थान द्वारा प्रस्तावित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आईएसटीएम की तर्ज पर ही तैयार किया जाए

इन सभी मुद्दों पर उपस्थित साथियों ने मूल्‍यवान सुझाव साझा किए जिन्‍हें नोट कर लिया गया है। इसके बाद कार्रवाई के प्रथम चरण में कनिष्‍ठ अनुवाद अधिकारियों के लिए 4600 रु. ग्रेड वेतन तथा सीधी भर्ती परीक्षा के स्‍वरूप में सुधार के विषय पर विस्‍तार से चर्चा की गई। तय किया गया कि इस बैठक में प्राप्‍त सुझावों तथा उपर्युक्‍त विषयों के संबंध में तैयार किए जाने वाले रिप्रेजेंटेशन के लिए तथ्‍यों का हर दृष्टिकोण से अध्‍ययन किया जाएगा और अगले एक से डेढ़ माह के दौरान रिप्रेजेंटेशन को अंतिम रूप दिया जाएगा जिसे बाद में एसोसिएशन के अध्‍यक्ष के माध्‍यम से संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा। इसके लिए सभी वरिष्‍ठ और कनिष्‍ठ अनुवाद अधिकारियों से खुले मन से आगे आकर इन विषयों पर परिश्रम करने का आह्वान किया गया।

बैठक में श्री ओम प्रकाश कुशवाहाश्री बुधेश कुमार डनसेनाश्री प्रेम चंदश्रीमती नंदिता निधिश्रीमती ज्‍योत्‍सनाश्री प्रेम शंकर जायसवालश्री सत्‍येंद्र दहियाश्री संतोष जायसवालश्री सचिनश्री इरफान खानश्री आलोकएवं श्री अनिल कुमार सहित कई महिला साथियों ने महत्‍वपूर्ण सुझाव रखे। निस्‍संदेह डेढ़ घंटे का समय इतने गंभीर विषयों पर अंतिम राय कायम करने के लिए पर्याप्‍त नहीं था। इसलिए तय किया गया कि सुझाव देने वाले साथी अपने सुझावों के संबंध में और विस्‍तारित जानकारी अन्‍य साथियों को उपलब्‍ध कराएंगे ताकि कार्य समिति तथ्‍यों के आलोक में आगे बढ़ सके।

ये एक बेहद सफल आयोजन रहा। तय किया गया कि भविष्‍य में इस प्रकार की बैठकें नियमित अंतराल पर आयोजित की जाएंगी ताकि महत्‍वपूर्ण विषयों पर लोकतांत्रित और पारदर्शी तरीकेे से निर्णय लिए जा सकें। अगली बैठक नवंबर माह में आयोजित की जाएगी।

दिल्‍ली के विभिन्‍न हिस्‍सों से तकरीबन 60 कनिष्‍ठ/वरिष्‍ठ अनुवाद अधिकारियों ने इस बैठक में भाग लिया। दर्जनोंं साथी शहर से बाहर होने या कार्यालय में व्‍यस्‍त होने के कारण इस बैठक में भाग नहीं ले सके। भाग लेने वाले सभी साथियों का बहुत शुक्रिया। 








Saturday 12 October 2019

अनुवाद अधिकारियों की बैठक 15 अक्टूबर, 2019 को 1.30 बजे

मित्रो, पिछले कई वर्षों से से अनुवाद अधिकारियों की कोई बैठक नहीं हुई है. इसके कारण सभी को ज्ञात हैं. लेकिन अनुवाद अधिकारियों के लिए किसी सार्वजनिक मंच और व्यवस्था के अभाव में कुछ महत्वपूर्ण विषय प्रभावित हो रहे हैं, जिनका खामियाजा हम सभी आज भी भुगत रहे हैं और निकट भविष्य में और भी ज्यादा प्रभावित होने की सम्भावना है.
 इस समय : 
1. कनिष्ठ अनुवाद अधिकारियों के लिए 4600 ग्रेड वेतन,
2.  कनिष्ठ तथा वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी पदों का मर्जर अथवा
3. वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी को राजपत्रित दर्जा दिया जाना,
4. कनिष्ठ अनुवाद अधिकारियों को शुरुआती स्तर पर अनिवार्य प्रशिक्षण, 
5. भर्ती नियमों की सेवा शर्तों में सुधार, 
6. सीधी भर्ती को न रोक पाने की स्थिति में सीधी भर्ती परीक्षा के त्रुटिपूर्ण स्वरूप में सुधार (लिखित परीक्षा के स्थान पर वस्तुनिष्ठ प्रश्न और अनुवाद के ज्ञान की परीक्षा न लिया जाना तथा परीक्षा का 95% हिस्सा केवल हिंदी भाषा और विशेष रूप से हिंदी साहित्य पर आधारित होना परीक्षा के नाम पर धोखा है)
7. संवर्ग के अधिकारियों को या तो आईएसटीएम से प्रशिक्षण दिलाया जाए अथवा हिंदी शिक्षण संस्थान द्वारा प्रस्तावित प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आईएसटीएम की तर्ज पर ही तैयार किया जाए
आदि कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर बारी-बारी से ठोस कार्रवाई की ज़रूरत थी. लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है. यदि हम लोग अब भी सोते रहे तो समय निकल जाएगा और हम हाथ मलते रह जाएंगे. भले ही हर विषय में परिश्रम करने पर हमें तत्काल सफ़लता न मिले लेकिन हम मंजिल की दिशा में चलना तो शुरू करें. 

हम एक बात स्पष्ट करना चाहते हैं, हम कोई चुनाव नहीं चाहते हैं और न ही हमें किसी पद की आवश्यकता है. हम चाहते हैं कि वर्तमान पदाधिकारी ही इन विषयों पर सक्रियता से कार्य करें. हमारा पूरा समर्थन और सहयोग मिलेगा बशर्ते पदाधिकारी जनादेश का सम्मान करें और जनहित में पारदर्शिता से कार्य करें. व्यवस्था परिवर्तन हमारी मजबूरी और अंतिम विकल्प होगा. 

इसलिए आप सभी कनिष्ठ और वरिष्ठ अनुवाद अधिकारियों से निवेदन है कि आगामी 15 तारीख को अधिक से अधिक संख्या में बोट क्लब पर पहुंच कर उपर्युक्त महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी राय से लिखित/ मौखिक रूप से अवगत कराएं. अब से ये बैठकें कम से कम हर दो माह में एक बार आयोजित की जाएंगी, और यदि आवश्यकता हुई तो हर माह भी. बैठकों की निरन्तरता हम सभी को एक दूसरे से बेहतर तरीके से जुड़ने का अवसर प्रदान करेगी. ये बैठकें जहां नए साथियों से परिचय का अवसर होंगी वहीं, वरिष्ठ साथियों से मार्गदर्शन और सहयोग प्राप्त करने का माध्यम भी बनेंगी. 

क्यों खास है 15 अक्टूबर की बैठक: 
चूंकि ये बैठक बरसों बाद आयोजित होने जा रही है इसलिए इस पहली बैठक में सबसे पहले हम सभी आपस में परिचय करेंगे. इसके बाद हमें क्रम से कुछ विषयों पर फोकस करते हुए आगे बढ़ना है, इसलिए उपर्यक्त सभी विषयों पर संक्षिप्त चर्चा के उपरांत 
1. कनिष्ठ अधिकारियों के लिए 4600 ग्रेड वेतन और 
2. सीधी भर्ती परीक्षा के स्वरूप को चुनौती देना 
दो विषयों पर विस्तार में चर्चा की जाएगी. 

अतएव, आप सभी से आग्रह है कि इन दो विषयों के लिए जितने भी सम्भावित आधार हो सकते हैं उन पर हम लोग खुले मन से चर्चा करेंगे और राजभाषा विभाग/ यूपीएससी को दिए जाने वाले ज्ञापन में महत्वपूर्ण बिंदुओं को सर्वसम्मति से शामिल किया जाएगा. आप सभी के सुझाव सदैव आमन्त्रित हैं. 🙏

दिनांक: 15 अक्टूबर, 2019
समय: 1.30 बजे
स्थान: बोट क्लब पुलिस चौकी के निकट लॉन में (केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन के निकट)