Saturday 18 March 2023

संवर्ग एक सुदृढ़ भविष्‍य की ओर : आम सभा की पहली बैठक का कार्यवृत्‍त

केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अनुवाद अधिकारी एसोसिएशन द्वारा दिनांक 24 फरवरी, 2023 को आयोजित की गई आम सभा की पहली बैठक का कार्यवृत्त

 

केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अनुवाद अधिकारी एसोसिएशन (CSOLSTOA)’ के चुनाव अक्‍टूबर, 2022 में संपन्‍न हुए जिसके माध्‍यम से संवर्ग के अनुवाद अधिकारियों ने 7 पदाधिकारियों को चुना। नवगठित एसोसिएशन द्वारा दिनांक 24 फरवरी, 2023 को अपराह्न 12:45 बजे आम सभा की पहली बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक एसोसिएशन के अध्‍यक्ष, श्री सौरभ आर्य (वरिष्‍ठ अनुवाद अधिकारी, इस्‍पात मंत्रालय) की अध्‍यक्षता में उद्योग भवन के निकट, कर्तव्‍य पथ लॉन में आयोजित की गई जिसमें संवर्ग के सैकड़ों अनुवाद अधिकारियों ने भाग लिया।

 



बैठक में एसोसिएशन के महासचिव, श्री सुनील कुमार चौरसिया द्वारा सर्वप्रथम सभी सदस्यों का स्वागत किया गया और एसोसिएशन के क्रियाकलापों का संक्षिप्त परिचय दिया गया। उन्‍होंने सभी सदस्‍यों का एक आदर्श चुनाव प्रक्रिया में भाग लेकर एसोसिएशन के गठन में प्रतिभागी बनने और टीम प्रतिबद्ध के सदस्‍यों को भारी बहुमत से चुनने के लिए धन्‍यवाद व्‍यक्‍त किया। तदुपरांत, उन्होंने एसोसिएशन के अध्यक्ष, श्री सौरभ आर्य को सदस्यों के समक्ष विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत जानकारी देने के लिए आमंत्रित किया।

 

2. अध्‍यक्ष, श्री सौरभ आर्य ने भी सभी सदस्‍यों का बैठक में उपस्थित होने के लिए आभार व्‍यक्‍त किया और कहा कि चुनाव प्रकिया समाप्‍त होते ही हम सबकी आपसी प्रतिस्‍पर्धा समाप्‍त हो गई है और अब हम सभी को संवर्ग के लिए कल्‍याण के लिए मिल-जुलकर आगे बढ़ना है। तदुपरांत उन्‍होंने दिनांक 12.10.2022 को एसोसिएशन के चुनाव से लेकर अब तक एसोसिएशन के द्वारा किए गए क्रियाकलापों पर विस्‍तार से जानकारी साझा की। उन्‍होंने बताया कि चुनाव प्रक्रिया संपन्‍न होने के तत्‍काल पश्‍चात एसोसिएशन ने चुनाव में भाग लेने वाले समस्‍त प्रतिभागियों की बैठक आयोजित की जिसमें सभी प्रतिभागियों ने संवर्ग के हित में मिल-जुलकर कार्य करने का प्रण लिया। उन्‍होंने यह भी कहा कि नई एसोसिएशन अधिकतम पारदर्शिता में विश्‍वास रखती है इसलिए सदस्‍यों को हर संभव माध्‍यम से समय पर सूचनाएं उपलब्‍ध कराने और सबके लिए एक समान अवसरों को सुनिश्चित कराने के लिए वे प्रतिबद्ध हैं। 

 

 उन्‍होंने आगे बताया कि, एसोसिएशन ने दिनांक 30 नवंबर, 2022 को आदरणीय सचिव महोदया श्रीमती अंशुली आर्या जी के साथ शिष्‍टाचार भेंट कर, अनुवाद अधिकारियों के ग्रेड वेतन के अपग्रेडेशन, सहायक निदेशकों के रिक्‍त पदों को भरे जाने, स्‍पैरो जैसी ऑनलाइन प्रणाली लागू किए जाने, कनिष्‍ठ अनुवाद अधिकारियों के नए बैच को जॉइनिंग के तत्‍काल बाद इंडक्‍शन ट्रेनिंग दिए जाने, पदोन्‍नति पूर्व प्रशिक्षण को फिजीकल मोड में नियमित रूप से आयोजित करने जैसे संवर्ग के ज्‍वलंत मुद्दों को उठाया गया। अध्‍यक्ष ने बताया कि इस सभी मामलों में राजभाषा विभाग सक्रियता से कार्य कर रहा है और एसोसिएशन लगातार विभाग के संपर्क में है। इस अवधि के दौरान एसोसिएशन दिनांक 1 दिसंबर, 2022, 30 दिसंबर, 2022 और 22 फरवरी, 2023 को कार्यकारिणी की 3 बैठकें आयोजित कर चुकी है। तत्‍पश्‍चात, बैठक की कार्यसूची के अनुसार विभिन्‍न विषयों पर निम्‍नानुसार चर्चा की गई:  

 

1.  कार्यकारिणी के सदस्यों का अनुमोदन: सर्वप्रथम, आम सभा के सदस्‍यों का एसोसिएशन की कार्यकारिणी के मनोनीत 15 सदस्यों का परिचय कराया गया। सदस्‍यों को अवगत कराया गया कि कार्यकारिणी में लगभग हर बैच और हर प्रमुख भवन के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। कार्यकारिणी में महिला प्रतिनिधियों को भी पर्याप्‍त स्‍थान दिया गया है।

सभी उपस्थित सदस्‍यों ने कार्यकारिणी के सदस्‍यों का स्‍वागत किया और कार्यकारिणी को ध्‍वनिमत से अनुमोदन प्रदान किया।

 

2.  संविधान में संशोधन: एसोसिएशन के प्रभावी संचालन के मद्देनज़र संविधान में कुछ संशोधनों का प्रस्‍ताव किया गया जिनमें निम्‍नलिखित शामिल हैं:


 I.     एसोसिएशन के नाम का परिवर्तन: उल्‍लेखनीय है कि एसोसिएशन के चुनावों के समय एसोसिएशन का नाम केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अनुवादक एसोसिएशन था। परंतु बाद में दिनांक 08 जनवरी, 2023 को एसोसिएशन ने एक ऑनलाइन वोटिंग प्रक्रिया के माध्‍यम से आम सभा के सदस्‍यों की सहमति प्राप्‍त करते हुए एसोसिएशन का नया नाम केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अनुवाद अधिकारी एसोसिएशनकर दिया था। तदनुसार, औपचारिक रूप से संविधान में भी नए नाम को शामिल किया जाना है।


II. सदस्‍यता शुल्‍क का निर्धारण: एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि एसोसिएशन को आर्थिक मोर्चे पर सुदृढ़ किए बिना एसोसिएशन प्रभावी ढ़ंंग से कार्य नहीं कर सकती। अध्‍यक्ष ने सभा को जानकारी दी कि वर्तमान एसोसिएशन को पूर्व एसोसिएशन से कोई धनराशि प्राप्‍त नहीं हुई है और इस समय एसोसिएशन के पास गतिविधियों के संचालन के लिए कोई निधि नहीं हैै। एसोसिएशन ने प्रस्‍ताव रखा कि एक बारगी पंजीकरण शुल्‍क (Enrollment Fee) 20 रुपए तथा सदस्‍यता शुल्‍क (Yearly Subscription) 40 रुपए प्रतिमाह अर्थात 500 रुपए प्रति सदस्‍य प्रति वर्ष रखा जाए। 


    इस प्रस्‍ताव पर चर्चा के दौरान कुछ सदस्‍यों ने सुझाव दिया कि वार्षिक सदस्‍यता शुल्‍क को न्‍यूनतम 50 रुपए प्रतिमाह रखा जाए जिसे वर्ष में एक बार ही एकत्र कर लिया जाए। इस प्रकार यह शुल्‍क 600 रुपए प्रतिवर्ष होगा। उपस्थित सदस्‍यों ने इस प्रस्‍ताव को ध्‍वनिमत से स्‍वीकार किया।  


III.     आम सभा की असाधारण बैठक को ऑनलाइन माध्‍यम से आयोजित किए जाने का प्रावधान: कुछ असाधारण परिस्थितियों में, जब सदस्‍यों का फिजीकल रूप से उपस्थित होना संभव न हो रहा हो, और एसोसिएशन की कार्यकारिणी इसे आवश्‍यक समझे तो 48 घंटे पूर्व सूचना जारी करते हुए आम सभा की ऑनलाइन बैठक आयोजित की जाए।


IV.  कोषाध्‍यक्ष द्वारा एक बार में अधिकतम व्‍यय की सीमा: पुराने संविधान में यह सीमा 500 रुपए थी परंतु वर्तमान परिस्थितियों में इसे बढ़ाकर 5000 रुपए किया जाए।


V.     आम सभा की बैठकों का कोरम: पुराने संविधान में यह कोरम 1/10 था जिसे बढ़ाकर 1/3 किया जाए।

 

उपर्युक्‍त सभी प्रस्‍तावों का सदस्‍यों ने स्‍वागत किया और ध्‍वनिमत से अनुमोदन किया। बैठक के उपरांत मसौदा संविधान को सभी सदस्‍यों के लिए परिचालित किया गया और सदस्‍यों द्वारा इसे स्‍वीकार किया गया।

 

3.  एसोसिएशन का बैंक खाता खोलना: एसोसिएशन ने सदस्‍यों के समक्ष प्रस्‍ताव रखा कि एसोसिएशन का एक बैंक खाता होना चाहिए जिसमें सदस्‍यों का सदस्‍यता शुल्‍क एकत्र किया जा सके। अध्‍यक्ष, श्री सौरभ आर्य ने सदस्‍यों को सूचित किया कि एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक में हुई चर्चा के आधार पर प्रस्‍ताव है कि यह खाता नई दिल्‍ली में उद्योग भवन स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में खोला जाए।

  सभी सदस्‍यों ने इस प्रस्‍ताव को सहर्ष अनुमोदित किया।

 

4.  दो उप-कोषाध्‍यक्षों का चयन: अध्‍यक्ष महोदय ने प्रस्‍ताव रखा कि एसोसिएशन के आर्थिक क्रियाकलापों के सुचारू संचालन के लिए कोषाध्‍यक्ष, श्री प्रेमचंद जी के सहायतार्थ दो उप-कोषाध्‍यक्षों का भी प्रावधान किया जाए। एसोसिएशन ने प्रस्‍ताव रखा कि कार्यकारिणी के दो सदस्‍यों (1) श्रीमती कल्‍पना सिंह, एवं (2) श्री शुभम रामावत को उप-कोषाध्‍यक्ष के रूप में चुना जाए।

सभी सदस्‍यों ने इस प्रस्‍ताव को सहर्ष अनुमोदित किया।

 

5.  आंतरिक लेखा-परीक्षक का चयन: अध्‍यक्ष महोदय ने कहा कि एसोसिएशन अपनी कार्यप्रणाली में हर संभव तरीके से पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में उन्‍होंने प्रस्‍ताव रखा कि एसोसिएशन के खाते की लेखा परीक्षा के लिए एक आंतरिक लेखा परीक्षक (ऑडिटर) भी चुना जाए। कुछ सदस्‍यों ने श्री चंद्रभूषण मौर्य, वरिष्‍ठ अनुवाद अधिकारी, डीआईपीपी के नाम का प्रस्‍ताव रखा। चर्चा के उपरांत, श्री मौर्य को वित्‍त वर्ष 2023-24 के लिए अथवा, नए लेखा-परीक्षक का चयन होने तक, जो भी पहले हो, के लिए आंतरिक लेखा परीक्षक के रूप में चयन का अनुमोदन किया।

सभी ने सर्व सम्‍मति से श्री चंद्रभूषण मौर्य, वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी के नाम का अनुमोदन किया।

 

 

इसके उपरांत उपस्थित सदस्‍यों के सुझाव आमंत्रित किए गए और उन पर चर्चा के उपरांत कुछ निर्णय लिए गए:


6. विश्व हिंदी सम्मेलन में हुई अव्यवस्था: बैठक में कई सदस्‍यों द्वारा हाल ही में फिजी के नादी शहर में विदेश मंत्रालय द्वारा आयोजित किए गए विश्‍व हिंदी सम्‍मेलन में आखिरी क्षणों में अधिकारियों की प्रतिभागिता को रद्द किए जाने के मामले को उठाया। इससे संवर्ग के अधिकारियों को जहां काफी कष्‍ट पहुंचा वहीं यह पूरा प्रकरण अपमानजनक था। सदस्‍यों ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों से अनुरोध किया कि एसोसिएशन इस मामले को उपयुक्‍त मंच पर उठाए ताकि भविष्‍य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो।

  एसोसिएशन ने इस मामले को सचिव (राजभाषा) के माध्‍यम से विदेश मंत्रालय के साथ उठाने का आश्‍वासन दिया।

 

7. स्‍थानांतरण नीति को लागू किया जाना: कुछ सदस्‍यों ने राजभाषा विभाग द्वारा जारी स्‍थानांतरण नीति पर चर्चा करते हुए कहा कि राजभाषा विभाग खुद अपनी ही स्‍थानांतरण नीति का पालन नहीं कर रहा है। संवर्ग में बहुत से अधिकारी बरसों तक एक ही विभाग में तैनात रहते हैं जबकि कुछ अनुवाद अधिकारियों का तबादला जल्‍दी-जल्‍दी किया जाता है। कुछ ऐसे भी उदाहरण सामने हैं जहां अधिकारी 20 से अधिक वर्षों से एक ही विभाग में बैठे हैं। सदस्‍यों के मध्‍य इस मामले में विभाग के रवैये को लेकर काफी रोष था। सदस्‍यों ने कहा कि जब नीति के अनुसार 5 वर्षों में स्‍थानांतरण किया जाना तय है तो विभाग द्वारा इस नीति का कड़ाई से अनुपालन किया जाना चाहिए। कुछ लोगों को रिटेन करना और कुछ को नहीं करना एक प्रकार का पक्षपाती माहौल तैयार करता है। स्‍थानांतरण के लिए एक स्‍पष्‍ट, पारदर्शी और सबके लिए समान नीति होनी चाहिए और इसे अक्षरश: लागू किया जाना चाहिए।

एसोसिएशन ने इस विषय को राजभाषा विभाग के साथ उठाने का आश्‍वासन दिया।

 

8. प्रतिनियुक्ति संबंधी नीति: बैठकों में कुछ सदस्‍यों द्वारा प्रतिनियुक्ति पर आवेदन किए जाने के समय राजभाषा विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जाने के मामले में पारदर्शिता के अभाव का जिक्र किया। कुछ सदस्‍यों ने कहा कि राजभाषा विभाग की प्रतिनियुक्ति संबंधी नीति वेबसाइट पर सार्वजनिक नहीं है और न ही आवेदन करने वाले अभ्‍यर्थियों को उनके आवेदन निरस्‍त होने का कारण स्‍पष्‍ट हो पाता है। सदस्‍यों ने कहा कि इस मामले में एक पारदर्शी नीति का पालन किया जाना चाहिए और सबसे पहले इस नीति को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। साथ ही कुछ सदस्‍यों ने सुझाव दिया कि प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने के लिए न्‍यूनतम सेवा को 5 वर्ष से कम किया जाए ताकि कनिष्‍ठ अनुवाद अधिकारी भी अन्‍य कार्यालयों में वरिष्‍ठ अनुवाद अधिकारी के पदों पर जा सकें।

एसोसिएशन ने इस मामले को विभाग के साथ उठाने का आश्‍वासन दिया।

 

9. सहायक निदेशक के पदों पर बैकलॉग वेकेंसियों को पदोन्‍नति के माध्‍यम से भरा जाना: इस विषय पर चर्चा के दौरान कुछ सदस्‍यों ने कहा कि सहायक निदेशक के पद पर पिछले 8-9 वर्षों की सीधी भर्ती कोटे की रिक्तियां भरी नहीं जा सकी हैं जिसके कारण संवर्ग के काफी पद अभी रिक्‍त पड़े हैं। इससे जहां आज अनुवाद अधिकारियों को सहायक निदेशक के पद पर पदोन्‍नति के लिए लगभग 20 वर्षों का इंतजार करना पड़ रहा है वहीं रिक्‍त पड़े पदों के कारण शेष अधिकारी भी दबाव में काम कर रहे हैं। सदस्‍यों ने कहा कि संवर्ग के हित में इन बैकलॉग वेकेंसियों को एकबारगी पदोन्‍नति के माध्‍यम से भरकर आगे से नियमित रूप से सीधी भर्ती के पद भरे जाएं जिससे संवर्ग में आने वाली स्‍टेगनेशन से बचा जा सके।

एसोसिएशन ने इस मामले को विभाग के साथ उठाने का आश्‍वासन दिया।

 

10. पदोन्‍नति संबंधी नियमों, डीपीसी प्रक्रिया आदि पर कार्यशाला का आयोजन: बैठक से पूर्व सदस्‍यों से ई मेल के माध्‍यम से सुझाव आमंत्रित किए गए थे। इस संबंध में श्री शशिकांत तिवारी, वरिष्‍ठ अनुवाद अधिकारी से सुझाव प्राप्‍त हुआ कि अनुवाद अधिकारियों के लिए आईएसटीएम तथा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग आदि के विशेषज्ञ अधिकारियों द्वारा ऐसी कार्यशाला आयोजित की जाए जिससे अनुवाद अधिकारियों को पदोन्नति की प्रक्रिया और डीपीसी के नियम, रिक्तियों के सृजन (एससी, एसटी, दिव्यांग के आरक्षण के दृष्टिगत), रोस्टर इत्यादि जैसे विषयों से अवगत कराया जा सके।

एसोसिएशन इस संबंध में किसी विशेषज्ञ को आमंत्रित कर एक कार्यशाला आयोजित करने का प्रयास करेगी।

 

11. संवर्ग का स्‍थापना दिवस मनाया जाना: अध्‍यक्ष, श्री सौरभ आर्य ने सभा को सूचित किया कि एसोसिएशन की कार्यकारिणी ने इस वर्ष से संवर्ग का स्‍थापना दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया है। अनुवादकों के संवर्ग के गठन संबंधी भर्ती नियम पहली बार 09 सितंबर, 1981 को अधिसूचित किए गए थे। तदनुसार, अब से प्रत्‍येक वर्ष 09 सितंबर का दिन संवर्ग के स्‍थापना दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

 

12. कलेंडर का प्रकाशन नियमित रूप से किया जाना: एसोसिएशन के अभिनव प्रयास के रूप में नव वर्ष पर पहली बार कैलेंडर के प्रकाशन की सभी सदस्‍यों ने सराहना की। सदस्‍यों ने कहा कि इस प्रकार का प्रकाशन अगले वर्षों में भी नियमित रूप से किया जाए। कुछ सदस्‍यों ने सुझाव दिया कि कार्यकारिणी द्वारा कलेंडर पर व्‍यय की गई राशि को भविष्‍य में एसोसिएशन द्वारा एकत्र किए जाने वाले फंड से समायोजित कर लिया जाए। अधिकांश उपस्थित सदस्‍यों ने इस प्रस्‍ताव का स्‍वागत किया जबकि कुछ सदस्‍यों ने तकनीकी कारणों से इस व्‍यय को समायोजित किए जाने संबंधी संभावित कठिनाइयों का जिक्र किया। एसोसिएशन ने इस विषय में तत्‍काल कोई निर्णय न लेते हुए इस विषय को कार्यकारिणी की अगली बैठक के लिए विचारार्थ नोट कर लिया। 

 

13. एसोसिएशन के सोशल मीडिया हैंडल को जॉइन करना: एसोसिएशन की ओर से सभी सदस्‍यों से आग्रह किया गया कि सभी सदस्‍य एसोसिएशन के ट्विट, फेसबुक तथा अन्‍य सोशल मीडिया हैंडल को अवश्‍य जॉइन करें ताकि एसोसिएशन के साथ सभी सदस्‍यों का सक्रिय संवाद स्‍थापित रहे और सभी सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म के माध्‍यम से अनुवाद अधिकारियों के मुद्दे मजबूती से उठाए जा सकें।

 

बैठक की कार्रवाई अत्यंत सौहार्दपूर्ण माहौल में आयोजित की गई तथा सभी सदस्यों ने पूरे उत्साह के साथ चर्चा में भागीदारी की और अनुवाद अधिकारियों से जुड़े तमाम मुद्दों पर अपनी स्पष्ट और बेबाक राय रखी। भविष्य की रूपरेखा तैयार करने में सभी साथियों का और विशेष रूप से उन साथियों के सहयोग का आह्वान किया गया जिन्होंने चुनाव में प्रत्याशी के तौर पर भाग लिया था। 


सभी सदस्यों ने एसोसिएशन की कार्यप्रणाली और अभी तक किए गए प्रयासों के प्रति संतोष व्‍यक्‍त किया। एसोसिएशन की ओर से सभी सदस्‍यों से आम सभा की बैठकों में नियमित रूप से भाग लेने का अनुरोध किया गया। बैठक स्‍थल पर ही अब तक एसोसिएशन का कलेंडर प्राप्‍त न कर सके साथियों को कलेंडर वितरण भी किया गया। 



बैठक के अंत में महासचिव, श्री सुनील चौरसिया द्वारा बैठक में उत्‍साहपूर्वक भाग लेने के लिए सभी सदस्‍यों का धन्‍यवाद व्‍यक्‍त किया गया।

 

नोट: सभी सदस्‍यों से अनुरोध है कि यदि आपकी कोई प्रतिक्रिया हो तो कृपया दिनांक 22 मार्च, 2023 तक एसोसिएशन को ई-मेल csolstoa@gmail.com पर अवगत करा दें।

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 बैठक की कुछ झलकियां

बैठक को संबोधित करते हुए, अध्‍यक्ष श्री सौरभ आर्य

बैठक को संबोधित करते हुए, महासचिव, श्री सुनील चौरसिया


बैठक के उपरांत सभी सदस्‍य

एसोसिएशन के सभी सात पदाधिकारी



22 फरवरी को संपन्‍न हुई कार्यकारिणी की तीसरी बैठक

केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अनुवाद अधिकारी एसोसिएशन की कार्यकारिणी की तीसरी बैठक दिनांक 22 फरवरी, 2023 को एसोसिएशन के अध्‍यक्ष, श्री सौरभ आर्य की अध्‍यक्षता में उद्योग भवन स्थित इस्‍पात मंत्रालय के स्‍टील रूम में संपन्‍न हुई। 

इस बैठक में दिनांक 24 फरवरी, 2023 को आम सभा की पहली बैठक के आयोजन से पूर्व संवर्ग से जुड़े विभिन्‍न मामलों की समीक्षा की गई। इसके अतिरिक्‍त इस बैठक में संवर्ग के विभिन्‍न ज्‍वलंत विषयों जैसे लंबे समय से रिक्‍त पड़े सहायक निदेशक के बैकलॉग पदों को भरे जाने, बैकलॉग वेेेकेंंसी के पदों के स्‍थायी समाधान तक इन पदों को तदर्थ पदोन्‍नति से भरे जाने, पदोन्‍नति पूर्व प्रशिक्षण कार्यक्रमों को ऑफलाइन माध्‍यम से समय से संचााालित किए जाने तथा एसोसिएशन के पंजीकरण के लिए कार्यालय की संभावनाओं, कोषाध्‍यक्ष की सहायता के लिए दो उप-कोषाध्‍यक्षों के चयन पर चर्चा की गई। इसके अतिरिक्‍त, हाल ही में फिजी में आयोजित विश्‍व हिंदी सम्‍मेलन में हुई अव्‍यवस्‍थाओं पर विस्‍तार से चर्चा की गई। 

इसके अलावा, कुुछ नए मामलों में भविष्‍य की रूप रेखा तय करने के लिए भी सदस्‍यों ने विस्‍तार से चर्चा की। 







Tuesday 7 March 2023

लंबा इंतजार खत्‍म, 2022 की सहायक निदेशक की रिक्तियों के एवज में डीपीसी संपन्‍न


साथियो
हर्ष का विषय है कि वर्ष 2022 की सहायक निदेशक की वेकेंसी के एवज में पदोन्‍नति के लिए विभागीय पदोन्‍नति समिति की बैठक संपन्‍न हो गई है। आप सभी जानते हैं कि इस बैच के साथी बहुत लंबे अरसे से अपनी पदोन्‍नति की बाट जोह रहे थे। राजभाषा विभाग द्वारा दिसंबर22 में प्रस्‍ताव यूपीएससी में प्रस्‍तुत किया था जिसके बाद से यह मामला यूपीएससी में प्रतीक्षाधीन था। आज संपन्‍न हुई डीपीसी में कुल 5 वरिष्‍ठ अनुवाद अधिकारी पदोन्‍नति के लिए सम्मिलित हैं। 

उल्‍लेखनीय है कि वर्ष 2022 की रिक्तियों के लिए डीपीसी लंबित होने के कारण वर्ष 2023 की रिक्तियों के एवज में पदोन्‍नति के लिए प्रस्‍ताव अभी तक यूपीएसी को प्रस्‍तुत नहीं किया जा सका है। 2022 की डीपीसी क्लियर होने से अब 2023 की पदोन्‍नति का रास्‍ता भी साफ हो गया है। एसोसिएशन विभाग से पहले ही आग्रह कर चुकी है कि 2022 की डीपीसी होते ही बिना किसी विलंब के 2023 की रिक्तियों के एवज में पदोन्‍नति प्रस्‍ताव यूपीएससी को भेज दें और विभाग ने भी आश्‍वासन दिया है कि इस संबंध में त्‍वरित कार्रवाई की जाएगी।