Thursday 15 August 2013

स्‍वतंत्रता दिवस की शुभकामनाओं सहित ब्‍लॉग देशभर के अनुवादकों को समर्पित, नया नाम 'अनुवादक मंच'

प्रिय मित्रो, सर्वप्रथम आप सभी को स्‍वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.

आज इस ब्‍लॉग पोस्‍ट के माध्‍यम से आपको सूचित करना चा‍हते हैं कि अब यह ब्‍लॉग केन्‍द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अनुवादक एसोसिएशन का आधिकारिक ब्‍लॉग नहीं है. न ही ई-मेल आई डी translatorsofcsols@yahoo.in का एसोसिएशन से किसी प्रकार का संबंध है. आज स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर पर यह ब्‍लॉग देशभर के सभी अनुवादक साथियों को समर्पित किया जा रहा है. आज से और अभी से इस ब्‍लॉग का नया नाम अनुवादक मंच होगा. अब तक इस ब्‍लॉग से जुड़े सदस्‍य भविष्‍य में इसके सदस्‍य बने रहने अथवा इसकी सदस्‍यता छोड़ने के लिए पूरी तरह स्‍वतंत्र रहेंगे.

(ब्‍लॉग के स्‍टेटस में परिवर्तन की पीछे की पूरी कहानी को जानना और समझना इस ब्‍लॉग से जुड़े सभी अनुवादक साथियों के लिए आवश्‍यक है इसीलिए संक्षेप में अब तक के घटनाक्रम और भविष्‍य की कार्यनीति पर जानकारी नीचे दी जा रही है)

दोस्‍तो, आप सभी जानते हैं इस ब्‍लॉग की शुरूआत मई 2012 में की गई थी. उद्देश्‍य था कि वर्षों से बिखरे अनुवादकों को एक मंच पर लाया जाए, उनके बीच सूचनाओं का त्‍वरित प्रवाह सुनिश्चित किया जाए, उनसे संबंधित विषयों पर चर्चाएं की जाएं. इसी क्रम में 17 जुलाई, 2012 के बाद चुनाव जीतने के बाद इस ब्‍लॉग की सफलता को देखते हुए इसे एसोसिएशन का आधिकारिक ब्‍लॉग बनाया गया जहां से एसोसिएशन के क्रियाकलापों और महत्‍वपूर्ण सूचनाओं को अनुवादकों से साझा किया जाने लगा. परंतु यह जगजाहिर है कि यह ब्‍लॉग पिछले 6 माह से पूरी तरह खामोश था....इसका एकमात्र कारण एसोसिएशन के अध्‍यक्ष द्वारा किसी भी प्रकार की सूचनाओं का न दिया जाना था. दूसरी ओर, मोडरेटर महज उन्‍हीं सूचनाओं को इस ब्‍लॉग पर प्रकाशित कर सकता था जिन्‍हें अध्‍यक्ष श्री दिनेश कुमार सिंह, वरिष्‍ठ अनुवादक का अनुमोदन प्राप्‍त हो. मोडरेटर ने कई बार सूचनाएं होते हुए भी अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाना मुनासिब नहीं समझा और अध्‍यक्ष के प्रति भरोसा बनाए रखा कि वे शीघ्र ही सूचनाएं साझा करेंगे परंतु इस विश्‍वास का उत्‍तर एक अजीब किस्‍म की हठधर्मिता से दिया गया जिसके तहत अध्‍यक्ष और महासचिव ने पूरे 6 माह तक एसोसिएशन की कार्यकारिणी की बैठक ही नहीं बुलाई और इस विषय में चर्चा से भागते रहे. और जब महीनों की जद्दोज़हद के बाद 11 जुलाई, 2013 को बैठक आयोजित हुई तब भी अध्‍यक्ष श्री दिनेश कुमार सिंह, वरिष्‍ठ अनुवादक एवं महासचिव श्री अजय कुमार झा, वरिष्‍ठ अनुवादक ने भरी कार्यकारिणी के बीच किसी भी प्रकार की सूचनाएं न होने की बात की और जानबूझकर महत्‍वपूर्ण सूचनाओं को छिपाने का प्रयास किया. नतीजतन पिछले कई माह से आपसे कोई सूचना साझा न की जा सकी. परंतु इस दौरान एसोसिएशन के अंदर रहते हुए भी अनुवादकों के सूचना के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए हम कुछ अनुवादकों की कोशिशें जारी रहीं और वरिष्‍ठ पदाधिकारियों द्वारा इस ब्‍लॉग को छीने जाने के सभी प्रयासों का पुरजोर विरोध भी किया. जनता से संवाद करने के नाम पर केन्‍द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अनुवादक एसोसिएशन के अध्‍यक्ष और महासचिव अब एक नया ब्‍लॉग प्रारंभ कर चुके हैं. जहां वे जनता से सूचनाएं साझा करने के नाम पर निरंतर उन्‍हें गुमराह कर रहे हैं और उस ब्‍लॉग पर पोस्‍ट की जाने वाली सामग्री की प्रतिक्रिया में आने वाली टिप्‍पणियों तक को अपनी सुविधानुसार प्रकाशित कर रहे हैं. अनुवादकों के बीच भ्रामक सूचनाएं देने और उन्‍हें गुमराह करने वाले कुछ प्रयासों को फेसबुक पर सीएसओएलएस कम्‍यूनिटी में साबित किया जा चुका है....जबकि शेष का खुलासा अब इस मंच से किया जाएगा. इस सारी कवायद के पीछे हमारा उद्देश्‍य अध्‍यक्ष और महासचिव का त्‍यागपत्र मांगना नहीं है बल्कि उन्‍हें अपने दायित्‍वों के प्रति संजीदा और जवाबदेह बनाना है. हमारी कामना है कि वे आने वाले कई बरसों तक अपने पदों पद बने रहें मगर शर्त एक ही होगी....अनुवादकों के साथ धोखा और गंभीर विषयों में लापरवाही को स्‍वीकार नहीं किया जाएगा. ऐसे प्रयासों का हर संभव तरीके से विरोध किया जाएगा.

      विभिन्‍न फोरमों में अनुवादकों द्वारा उठाए जा रहे किसी भी प्रश्‍न का कोई उत्‍तर नहीं दिया जा रहा है. नतीजा यह है कि अब अनुवादक, एसोसिएशन के चंद पदाधिकारियों के रहमोकरम पर निर्भर हैं....वे सूचनाएं दे दें तो ठीक है, न दें तो बार-बार अनुरोध करने, चीखने चिल्‍लाने का बहरे कानों पर कोई असर नहीं है. अगर झूठी सूचनाएं दी जा रही हैं तो कहीं दूर बैठे अनुवादकों के लिए उन सूचनाओं की सत्‍यता की जांच की कोई वैकल्पिक व्‍यवस्‍था नहीं है .....और इसी विकल्‍पहीनता का फायदा उठा कर एसोसिएशन के पदाधिकारियों द्वारा अपनी अकर्मण्‍यता और त्रुटिपूर्ण कार्यशैली पर पर्दा डाल कर निरंतर अनुवादकों के भविष्‍य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. उपर्युक्‍त पदाधिकारियों के इसी प्रकार के अहंकार, हठधर्मिता, त्रुटिपूर्ण कार्यशैली और गंभीर मुद्दों पर अकर्मण्‍यता के विरोध में एसोसिएशन के कुछ पदाधिकारी और सदस्‍य अपने पदों से त्‍याग-पत्र दे चुके हैं.

एसोसिएशन का नया ब्‍लॉग शुरू होने के बाद इस ब्‍लॉग के मोडरेटर होने के नाते हमने इस ब्‍लॉग को बंद कर देने के बारे में विचार किया था परंतु आप में से ही तमाम साथियों ने इस ब्‍लॉग को फिर से सक्रिय किए जाने को लेकर आग्रह किया. इस ब्‍लॉग को आप समस्‍त साथियों का दिया गया स्‍नेह भी हमें पुन: सोचने पर विवश कर रहा था. काफी विचार विमर्श के बाद इसे एक बार फिर से सक्रिय करने का निर्णय किया गया है. तय रहा कि अब से यह ब्‍लॉग एसोसिएशन के ऐसे सभी प्रयासों की न केवल कलई खोलेगा बल्कि अनुवादकों को अपनी बात एक सार्वजनिक मंच पर रखने का पूरा मौका प्रदान करेगा. लोकतंत्र में अगर मजबूत विपक्ष न हो और जनता जागरूक न हो तो सत्‍ता निरंकुश और तानाशाह हो जाती है...मगर अब यह ब्‍लॉग और इससे जुड़ा हर अनुवादक सामूहिक रूप से एक सशक्‍त विपक्ष की कमी को पूरा करेंगें और अपने हक की आवाज को पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा. एसोसिएशन के पदाधिकारी किसी भी प्रकार कार्य करने या न करने, अनुवादकों के सवालों के जवाब देने अथवा न देने के लिए आजाद हैं, परंतु ऐसा करते हुए भी उन्‍हें अनुवादकों के प्रश्‍न पूछने और आलोचना के लोकतांत्रिक अधिकार को छीनने या उस पर प्रश्‍नचिन्‍ह लगाने का हक नहीं है.

    दोस्‍तो, एसोसिएशन की विफलताओं का रोना रोकर हमें कुछ हासिल नहीं होगा, हम हर पल गंभीर मुददों पर कार्रवाई में उनके साथ हैं, उन्‍हें अपनी राय से निंरतर उन्‍हें अवगत कराएंगे और तब भी यदि एसोसिएशन उचित कार्रवाई नहीं करेगी, तो वे समस्‍त काम हम अनुवादकों को स्‍वयं अपने हाथों में लेने होंगे. हम एसोसिएशन के पदाधिकारियों से वायदा करते हैं कि कार्रवाई का पहला मौका आपको दिया जाएगा.....हमारा कोई भी कदम मात्र हमारी विवशता ही होगा. 

      अभी तक इस ब्‍लॉग से खास तौर पर केन्‍द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा संवर्ग के अनुवादक ही जुड़े थे परंतु कुछ मामले ऐसे हैं जिनसे देश भर के अनुवादक समान रूप से जुड़े हुए हैं. इसलिए आप सभी का स्‍वागत है. ब्‍लॉग के भावी संचालन से जुड़ी कुछ बातें इस प्रकार हैं:

1.   चूंकि इस ब्‍लॉग का प्रमुख उद्देश्‍य अनुवादकों के सूचना के अधिकार की रक्षा और पारदर्शिता है अतएव यदि आपके पास भी कोई ऐसी सूचना अथवा तथ्‍य है जो साथी अनुवादकों के लिए जानना आवश्‍यक है तो कमेंट सैक्‍शन में खुल कर साझा करें.

2.   यदि किसी सूचना को साझा करते समय आप अपना परिचय गुप्‍त रखना चाहते हैं तो यह सूचना आप हमें translatorsofcsols@yahoo.in पर भेज सकते हैं....आपका नाम और परिचय गुप्‍त रखा जाएगा.

3.   यदि किसी विषय विशेष पर आप अपना लेख इस ब्‍लॉग पर प्रकाशित कराना चाहते हैं तो आपका स्‍वागत है. कृपया अपना लेख अपने चित्र के साथ translatorsofcsols@yahoo.in पर भेज दें. मोडरेटर टीम द्वारा चयन के उपरांत इसे ब्‍लॉग पर आपके चित्र और परिचय के साथ प्रकाशित किया जाएगा. 

4.   आपत्तिजनक, अश्‍लील अथवा अमर्यादित भाषा का प्रयोग करने पर संबंधित सदस्‍य की सदस्‍यता तत्‍काल रद्द कर दी जाएगी. यह आपका अपना मंच है अतएव इसकी गरिमा का ख्‍याल भी रखें ।

       आज हम आजादी की सालगिरह मना रहे हैं पर एक अनुवादक के तौर पर हमें बहुत सी चीजों से आजाद होना होगा...हमें आज आजाद होना होगा खुद से जुड़े मुद्दों पर अनभिज्ञता सेआजाद होना होगा मन में भीतर छिपे बैठे कुछ छोटे छोटे डरों से, आजाद होना होगा एसोसिएशनों पर निर्भर रहने की आदत से, अपने निजी स्‍वार्थों से, आजाद होना होगा चुप बैठने की वर्षों की आदत से....क्‍योंकि अक्‍सर चुप को मजबूरी समझ लिया जाता है. पुन: स्‍वतंत्रता दिवस की ढ़ेरों शुभकामनाएं.  

आपकी प्रतिक्रियाओं, सुझावों और विचारों का स्‍वागत है. 

11 comments:

  1. प्रियबंधु श्री सौरभ आर्य जी
    सस्नेह नमस्कार

    आपको और आपके अन्य सभी साथियों को स्वतंत्रता दिवस की मंगलकामनाएँ। साथ में ‘अनुवादक मंच’ के अनावरण के लिए भी हार्दिक बधाइयाँ। मेरे 14 अगस्त को प्रकटित प्रतिक्रिया में भी मैने इसी प्रकार की आशा जताई थी। आपने ठीक कहा है कि एसोसिएशन को ही कार्रवाई का पहला मौका दिया जाएगा। आशा करेंगे कि एसोसिएशन उस पर खरी उतरेगी। यदि यह संभव नहीं होता है तो तब यह सोचना चाहिए कि क्यों न अलग एक एसोसिएशन बनाई जाए जिसमें केन्‍द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा संवर्गीय अनुवादकों के साथ साथ देश भर के तमाम अनुवादक जुडे हों जो प्रामाणिकता-विश्वसनीयता की नींव पर खडी हो जिसमें गैर संवर्गीय साथियों की भलाई के लिए भी जगह हो क्योंकि वह वर्ग आज तक उपेक्षित है, असंघटित है और उनकी समस्या पूछनेवाला कोई नहीं है।

    एसोसिएशन अपनी गतिविधियों/कार्य प्रणाली में सुधार न लाती है तो विपक्ष सता पक्ष के रूप में विराजमान होने के दिन दूर नहीं है।

    अनुवादकों को 4600 ग्रे वेतन प्रदान करने के मामले के बारे में वस्तुस्थिति की जानकारी अभी तक मृगतृष्णा रही है। यदि यह आपकी जानकारी में है तो कृपया शीघ्र ही खुलासा करें।

    अनुवादक मंच के शुभारंभ के लिए, आप अपने साथियों के साथ उसके कर्ता-धर्ता बनने के लिए पुनरपि धन्यवाद।

    साभार
    शरत्कुमार ना काशीकर

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  2. प्रियबंधु श्री सौरभ आर्य जी

    सस्नेह नमस्कार

    दो दिन मैं अपने किसी काम से बाहर गया था तथा अभी अभी साईट को मैंने देखा है और पाया है कि अनुवादक मंच नाम की नई संस्‍था का शुभारंभ हुआ है और आपको एसोशियेशन के माध्‍यम से काफी परेशानी में डाला गया अब स्‍वतंत्रता दिवस पर
    नई शुरुआत की है आपको बहुत बहुत बधाई हो
    व आपको हम पूरा सहयोग देंगे ऐसा आश्‍वासन देता हुं । पुरानी संस्‍था में आपकी मजबूरी का अब पता चल गया हे असंसदीय भाषा का प्रयोग हम नहीं करेंगे । पहले की बात यह थी कि मात्र 4600/- ग्रेड वेतन के बारे में एसोशियेशन का कोई जबाब न आना परेशानी करता रहा जो 6 माह से अभी तक प्राप्‍त नहीं हुआ । पुन: बधाई हो

    आपका
    डा विजय शर्मा

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  3. प्रियबंधु श्री सौरभ आर्य जी
    सस्नेह नमस्कार

    एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव द्वारा प्रारंभित नए ब्लॉग का नाम कृपया बताएं ताकि उसकी विश्वसनीयता/कार शैली से परिचित हो सके।

    अनुवादकों को 4600 ग्रे वेतन प्रदान करने के मामले के बारे में वस्तुस्थिति/जानकारी के लिए इंतजार कर रहे हैं।

    कृपया इस पर भी मार्गदर्शन करें कि आपके पूर्व सूचनानुसार अभी तक ग्रेड पे 4600 प्रदान करने के संबंध मे कोई प्रतिवेदन हमारे कार्यालय/निदेशालय/विभाग को नहीं दिया है। क्या बदले हालात में प्रतिवेदन भेजें और व्यक्तिगत रूप से कार्रवाई शुरु करें?

    साभार

    शरत्कुमार ना काशीकर

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    1. नमस्‍कार शरतकुमार जी,
      नहीं ऐसा नहीं है, एसोसिएशन द्वारा जनवरी, 2013 में राजभाषा विभाग को 4600 ग्रेड पे के संबंध में एक प्रतिवेदन सौंपा गया था जिसे अब वित्‍त मंत्रालय द्वारा खारिज किया जा चुका है. इस प्रतिवेदन के खेल से अब हमें कुछ हासिल नहीं होगा. परंतु दुर्भाग्‍यपूर्ण है कि एसोसिएशन के पदाधिकारी इस मामले में अभी भी अनुवादकों को गुमराह कर रहे हैं. इस मामले का समाधान कैट में ही होगा. इस विषय में अगले पोस्‍ट में विस्‍तार से वस्‍तुस्थिति को स्‍पष्‍ट करने का प्रयास किया जाएगा.

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  4. प्रियबंधु श्री सौरभ आर्य जी

    सस्नेह नमस्कार

    आपने सही कहा है आज के पारदर्शी युग में जहां आरटीआई के द्वारा सरकारी कार्यालय से समस्‍त जानकारी प्राप्‍त की जा सकती है वहां पर राजभाषा एसेशियेशन के पदाधिकारी कोई जानकारी संाझा करना ही नहीं चाह रहे थे । अबब मेरे हिसाब से इसप्रकार के पदाधिकारियों का अपने पदों पर रहने का कोई अधिकार नहीं उन्‍हें अपने पदों सं तुरंत त्‍यागपत्र दे देना चाहिए एवं आप जैसे कर्मठ नेता आगे आने चाहिंए जोकि अनुवादकों के हितों की रक्षा कर सकते हैं । वर्तमान एसोशियेशन वित मंत्रालय से एक उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्णय को लागू नहीं करवा पाई तो ऐसे
    पदाधिकारियों का क्‍या लाभ । उन्‍हें व्‍यक्तिगत रुप से वित मंत्रालय के अधिकारियों के पास वस्‍तुस्थिति रखनी चाहिए ।
    साभार
    विजय शर्मा

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  5. प्रियबंधु श्री सौरभ आर्य जी
    सस्नेह नमस्कार

    प्रिय बंध श्री काशीकर जी ने ठीक कहा है कि एसोसिएशन को ही कार्रवाई का पहला मौका दिया जाए
    तथा अपेक्षा है कि एसोसिएशन उस पर खरी उतरेगी । परंतु मझे आप पर ही भरोसा है अत: सबसे पहले 4600/- ग्रेड वेतन की जानकारी अवश्‍य सभी से सांझी की जाए । मैं देशभर के अनुवादकों को
    आपके साथ जोडने का भरपूर प्रयास करुंगा । एसोशियेशन से उनकी गतिविधियों के बारे में जानकारी लें
    अन्‍यथा समिति भंग करवा दी जाए अगर वह हिंदी अनुवादकों के द्वारा जीते हुए केस को हैंडल नहीं कर पा रहे तो ऐसे पदाधिकारियों का क्‍या लाभ ।
    डा विजय शर्मा

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  6. आदरणीय शरतकुमार जी एवं विजय शर्मा जी,
    सादर नमस्‍कार,
    सर्वप्रथम इस उत्‍साहवर्धन के लिए धन्‍यवाद. इस प्रकार की नई शुरूआत भी हमारी मजबूरी बन चुकी थी....मगर अब हमें और मजबूर होने की आवश्‍यकता नहीं है. एसोसिएशनों में पद हासिल करना ही जब अंतिम लक्ष्‍य बन जाता है तब ऐसे ही दिन देखने पड़ते हैं...पद हासिल करना आसान है मगर उस पद की जिम्‍मेदारी का वहन उतना ही कठिन. यह मात्र सेवा का कार्य है. बहरहाल, अभी हमारा उद्देश्‍य किसी नई एसोसिएशन के गठन का नहीं है...चूंकि नई एसोसिएशनों से लोग आपस में बंटते हैं नेता नहीं और राजभाषा सेवा संवर्ग का यही दुर्भाग्‍य रहा है कि यहां नेता तो बहुत हैं मगर बरसों से काम फिर भी वहीं लटके हुए हैं. इसलिए इस वक्‍त हम सिर्फ जरूरी कामों पर ध्‍यान देंगे. मगर, इसका अर्थ यह कदापि नहीं लगाया जाना चाहिए कि अब अनुवादक एसोसिएशनों के रहमोकरम पर ही निर्भर हैं. हमारा इस मंच की स्‍थापना का उद्देश्‍य ही हर अनुवादक को उससे जुड़े मामलों पर सजग और सक्रिय बनाना है. और आवश्‍यकता पड़ने पर सीधी कार्रवाई भी की जाएगी.

    एक खास बात और, इस मुहिम में मैं अकेला नहीं हूं....वास्‍तव में मैं अकेला कुछ भी नहीं कर पाउंगा....मुझे मेरी समस्‍त ऊर्जा मेरे उन सभी मित्रों से मिलती है जो हर पल इन मुद्दों पर मेरे साथ हैं...हमने हमेशा टीम को महत्‍व दिया है और टीम ही विजय का सबसे बड़ा सूत्र है. उनमें से अधिकांश अभी इस मंच पर मुखर नहीं हुए हैं मगर जल्‍द ही वे भी हम सबके बीच होंगे.

    पुन: रेखांकित करना चाहूंगा कि हमारा ध्‍येय किसी चुनी गई प्रतिनिधि संस्‍था को गिराना नहीं है...हां, उसके हर अच्‍छे बुरे कार्यों की आलोचना के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का हम खुलकर प्रयोग करेंगे और हर मामले में किसी भी आवश्‍यक कार्रवाई के लिए इसी प्रतिनिधि संस्‍था से अनुरोध करेंगे और उन्‍हें पहले कार्रवाई का मौका देंगे. परंतु यदि यह संस्‍था कार्रवाई में विफल रही तो हमें अपने स्‍तर पर कार्रवाई का पूरा हक होगा.

    काशीकर जी एसोसिएशन का नया ब्‍लॉग http://centralsecretariattranslators.blogspot.in/ है. सभी से अनुरोध करूंगा कि अपने मन की बात इस ब्‍लॉग पर एसोसिएशन के पदाधिकारियों तक पहुंचाई जाए ताकि वे भी जान सकें कि अनुवादक क्‍या चाहते हैं.

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  7. बहुत अच्‍छी पहल ...

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  8. इस ब्लॉग को देखकर बहुत खुशी हुई। यह एक महवपुर्ण मंच साबित हो मेरी शुभकामना है । तमाम बातों पर विचार करने के बाद यही जान पड़ता है कि CAT के माध्यम से ही ग्रेड पे का मामला पुनः उठाया जा सकता है। मै वर्तमान में रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत अधीनस्थ कार्यालय में कार्यरत हुं लेकिन मैं किसी भी तरह की मदद के लिए तैयार हूं ।

    सधन्यवाद
    शैलेन्द्र कुमार मिश्र

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  9. यह एक प्रशंसनीय पहल है । इस ब्लॉग के माध्यम से हम अपने विचार साझा कर सकते हैं और महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक राय बना सकते हैं । तमाम पहलुओं पर विचार करने के बाद ऐसा लगता है कि ग्रेड पे के लिए हमें CAT का सहारा लेना पड़ेगा । मैं वर्तमान में रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत अधीनस्थ कार्यालय में कार्यरत हूं। मैं किसी भी मदद के लिए तैयार हूं और आशा करता हूँ कि सभी लोग इस बात से सहमत होंगे कि कनिष्ठ अनुवादक(राजभाषा संवर्ग) हमेशा ही उपेक्षा का शिकार रहा है ।

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  10. कृपया हिंदी में वार्तालाप को बढ़ावा दें हमे समझ में आती है। लंबे लंबे वाक्‍य और भी समझ में नहीं आते ।

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