Monday 20 April 2015

अनुवादकों के पक्ष में केरल उच्‍च न्‍यायालय का एक और महत्‍वपूर्ण फैसला, दिल्‍ली में मामले की सुनवाई 7 मई को

दोस्‍तो आपको याद होगा कि कनिष्‍ठ अनुवादकों हेतु ग्रेड वेतन मामले को श्रीमती टी.पी.लीना के एरनाकुलम कैट, केरल उच्‍च न्‍यायालय तथा अंत में सर्वोच्‍च न्‍यायालय से केस जीतने के बाद बल मिला था और इसी आधार पर देश की विभिन्‍न कैट अदालतों में विभिन्‍न अनुवादको के पक्ष में कैट ने निर्णय सुनाए थे. और बाद में, इसी क्रम में श्रीमती आनंदवल्‍ली अम्‍मा अौर श्री टी.एम.थॉमस द्वारा कनिष्‍ठ अनुवादक हेतु 4600 रु. ग्रेड वेतन के मामले में केरल कैट की फुल बैंच ने 14.10.2013 को अनुवादकों के पक्ष में अपना निर्णय सुनाया. यहां उल्‍लेखनीय बात यह है कि जहां श्रीमती लीना का केस विशेष रूप से सही एमएसीपी के निर्धारण का था वहीं श्रीमती आनंदवल्‍ली और श्री थाॅमस के केस में विशिष्‍ट रूप से इस प्रश्‍न की जांच की गई कि क्‍या कनिष्‍ठ अनुवादक को 1.1.2006 से 4600 रु. ग्रेड वेतन मिलना चाहिए? 

कैट के मुख्‍य न्‍यायधीश के आदेश पर तीन न्‍यायधीशों की पीठ ने मामले की पुन: विवेचना की और अनुवादकों के पक्ष में फैसला सुनाया. इसके बाद पिछले दो वर्षों में, तमाम राज्‍यों की कैट शाखाओं ने अनुवादकों के पक्ष में निर्णय दिए. मगर इस दौरान सरकार कैट के उपर्युक्‍त फैसले के खिलाफ केरल उच्‍च न्‍यायालय पहुंच गई. आपको जानकर हर्ष होगा कि अब दिनांक 09.04.2015 को केरल उच्‍च न्‍यायालय ने एक बार फिर इस मामले की गहराई से जांच कर एरनाकुलम कैट के निर्णय को सही ठहराया है. अपने 24 पृष्‍ठ के फैसले में माननीय न्‍यायालय ने सरकार की दलीलों पर टिप्‍पणी करते हुए कहा है कि : 
" Though at the first blush, these contentions appear to be attractive, the same are untenable and unsound, in view of the aforestated aspects. On an anxious consideration of the entire aspects of the matter, we are fully in agreement with the considered view taken by full bench of Central Administrative Tribunal, Ernakulam Bench in the impugned order that the issue as to the initial grade pay for the post JHT is thus concluded by the aforementioned previous round of litigations in favour of the respondent herein." 
इसी के साथ माननीय केरल उच्‍च न्‍यायालय ने सरकार को वादी अनुवादकों को एरनाकुलम कैट द्वारा दिए गए निर्णय से मिलने वाले सभी वित्‍तीय लाभों पर 18 % वार्षिक की दंडात्‍मक ब्‍याज दर से इस आदेश्‍ा के प्रकाशित होने की तारीख से तीन माह के भीतर पूरी राशि का भुगतान करने का आदेश दिया है. 

यह अनुवादकों की 4600 ग्रेड वेतन के लिए किए जा रहे संघर्ष में निस्‍संदेह एक महत्‍वूपर्ण पड़ाव है. इधर दिल्‍ली में भी इसी प्रकार के मामले में कल दिनांक 21 अप्रैल, 2015 को सुनवाई की जानी थी. आज दिनांक 20.04.2015 को कैट द्वारा जारी की गई cause list के अनुसार यह मामला कैट की प्रधान पीठ के समक्ष सुना जाना था. परंतु अब इस मामले पर दिनांक 07.05.2015 को सुनवाई होनी तय की गई है. यह मात्र दुखद संयोग है कि मामले की सुनवाई निरंतर अागे बढ़ रही है. इस स्थिति पर हमने अपने अधिवक्‍ताओं से चर्चा की है ...अब यदि इस मामले में और विलंब हुआ तो मामले में जल्‍द सुनवाई सुनिश्चित करने के सभी विकल्‍प इस्‍तेमाल किए जाएंगे. 


और हां, आज श्रीमती टी.पी. लीना जी का जन्‍मदिन है.....अनुवादक मंच  के सभी सदस्‍यों की अोर से उन्‍हें स्‍वस्‍थ एवं संपन्‍न जीवन की ढ़ेरों शुभकामनाएं .   :) 

2 comments:

  1. सीएजी के अधीनस्थ कार्यालयों में कार्यरत अनुवादकों को भे इससे लाभ होगा क्य ?

    ReplyDelete
    Replies
    1. यदि सरकार इस फैसले को लागू करती है तो शर्तिया तौर पर अन्‍य केन्‍द्रीय कार्यालयों के अनुवादकों के लिए भी 4600 ग्रेड वेतन का रास्‍ता खुल जाएगा. क्‍योंकि इस मामले में स्‍पष्‍ट किया गया है कि केन्‍द्र सरकार के कार्यालयों में कार्यरत कनिष्‍ठ अनुवादकों को 1.1.2006 को ग्रेड वेतन 4600 4600रु. है. इसी प्रकार का एक केस दिल्‍ली में सीएसओएलएस के अनुवादकों द्वारा लड़ा जा रहा है. यदि सीएसओएलएस के अनुवादक भी ये केस जीत जाते हैं तो पूरे देश में एक समान रूप से ये ग्रेड पे लागू होना बहुत सरल हो जाएगा.

      Delete