Thursday 31 October 2013

कोर्ट केस पर काम शुरू और अंशदान के लिए संपर्क अभियान कल 1 नवंबर से शुरू.

दोस्‍तो, पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार अनुवादकों की कोऑर्डीनेशन कमेटी की आज दोपहर बोट क्‍लब पर एक बैठक संपन्‍न हुई जिसमें इस कमेटी ने सर्वसम्‍मति से निम्‍नलिखित निर्णय लिए हैं : 

1. पांच पैटीशनर्स के नाम तय किए गए जिसमें पांच अलग-अलग मंत्रालयों के अनुवादक शामिल होंगे. 
2. कल दिन में हमारी एक टीम अधिवक्‍ता से बातचीत को अंतिम रूप देगी. अधिवक्‍ता पैटीशन तैयार कर रहे हैं जिसमें उन्‍हें जल्‍द से जल्‍द फीस की अग्रिम राशि देनी होगी.
3. अभी तक हमने कोई कॉंट्रीब्‍यूशन ड्राइव शुरू नहीं की थी परंतु फिर भी अनुवादक साथियों से लगभग 35,000 रू हम तक पहुंच चुके हैं. यह बेहद उत्‍साहजनक शुरूआत है परंतु यह राशि अभी पर्याप्‍त नहीं है. हमें कम से कम 1 लाख रूपए का बजट लेकर चलना होगा. इसके लिए अनुवादकों की टीम कल से एक संपर्क अभियान शुरू कर रही है. जिसमें हम स्‍वयं आप तक पहुंचने का प्रयास करेंगे परंतु चूंकि समय बहुत कम है और काम काफी ज्‍यादा है अतएव आपसे अनुरोध है कि जो साथी इस अभियान में अपना अंशदान करना चाहते हैं वे टीम के निम्‍नलिखित किसी भी सदस्‍य को अपना अंशदान पहुंचा सकते हैं:

* श्रीमती विशाखा बिष्‍ट, राजस्‍व विभाग, नॉर्थ ब्‍लॉक
* सुश्री पूनम विमल, कृषि मंत्रालय, कृषि भवन
* श्री सौरभ आर्य, वस्‍त्र मंत्रालय, उद्योग भवन
* श्री दीपक डागर, आर्थिक कार्य विभाग, नॉर्थ ब्‍लॉक
* श्री ओमप्रकाश कुशवाहा, रक्षा मंत्रालय 


अनुवादक साथियों से विशेष रूप से कहना है कि
> ये अंशदान अनुवादकों द्वारा कैट में कनिष्‍ठ अनुवादकों हेतु 1.1.2006 से 4600 रू ग्रेड वेतन के संदर्भ में दायर किए जाने वाले केस के संबंध में संग्रहित किया जा रहा है. इस केस का कैट में पहले से चल रहे 1986 से असिस्‍टेंट के साथ पैरिटी वाले मामले से कोई संबंध नहीं है. दोनों मामले अलग-अलग हैं. 
> जिस मामले को लेकर हम लोग कोर्ट में जा रहे हैं उसका आधार सरकार के ही कुछ आदेशों की गलत व्‍याख्‍या को चुनौती और अब उन्‍हीं आदेशों की देश की विभिन्‍न अदालतों द्वारा अनुवादकों के पक्ष में की गई व्‍याख्‍याएं और निर्णय हैं. अतएव अनुवादक साथी दिग्‍भ्रमित न हों. 
> इस केस से कनिष्‍ठ एवं वरिष्‍ठ अनुवादक दोनों को लाभ मिलेगा अतएव इस अभियान में केवल कनिष्‍ठ अनुवादकों एवं वरिष्‍ठ अनुवादकों से ही अंशदान लिया जाएगा. सहायक निदेशक एवं उससे ऊपर के अधिकारियों से अंशदान नहीं लिया जाएगा. 
>अनुवादकों की ओर से अंशदान के लिए अधीकृत टीम के सदस्‍यों के नाम इस पेज अथवा ब्‍लॉग पर दर्शाए जा रहे हैं अतएव अंशदान केवल उन्‍हें ही दें. 
> सभी अंशदाताओं के नाम समय-समय पर सार्वजनिक किए जाते रहेंगे. यदि किसी साथी को कहीं कोई विसंगति नज़र आए तो तत्‍काल 09711337404 (सौरभ आर्य) पर संपर्क करें अथवा कोऑर्डीनेशन टीम के किसी भी सदस्‍य के संज्ञान में लाएं. 

विशेष : अनुवादकों की एक टीम कल प्रात: योजना भवन, डाक भवन, डीजीएसएंडडी, बैंकिंग डिवीजन, व निर्वाचन भवन आदि भवनों का दौरा कर अंशदान संग्रह करेगी. जो साथी इन कार्यालयों से अंशदान करने के इच्‍छुक हों वह कृपया 1000 रू की अंशदान की राशि अपने पास तैयार रखें. अंशदान करना अथवा न करना पूर्णतया स्‍वेच्‍छा का विषय है. आशा है सभी अनुवादक साथी इस आखिरी प्रयास में पूरे उत्‍साह के साथ सामने आएंगे. जो साथी अब तक अंशदान कर चुके हैं.....उनका पूरी टीम की ओर से आभार. 

और हां, हमारे कुछ साथी जो अभी भी निराशा से बाहर नहीं आ पा रहे हैं और बार बार कह रहे हैं कि यदि हम लोग कोर्ट में हार गए तो क्‍या होगा ? तो दोस्‍तो, हम हारे तो बरसों से बैठे हैं.....हमारे लिए हारने के लिए और कुछ नहीं बचा है......अब हमारे साथ कुछ होगा तो अच्‍छा ही होगा. अन्‍यथा जैसे थे वैसे तो रहेंगे ही. इसलिए खुद पर भरोसा रखें और अपने साथियों का भी हौंसला बढ़ाएं. सभी को इस प्रयास के लिए शुभकामनाएं.

6 comments:

  1. आदरणीय आर्य जी

    सादर प्रणाम
    बहुत अच्‍छी पहल है आदरणीय दिनेश सिंह जी से उनके बलाग पर अनुरोध किया है कि मिलजुल कर चलें तथा
    इस दिशा में साकारात्‍मक पहल करें परंतु अभी तक कोई उत्‍त्‍र उनकी ओर से नहीं आया ।
    डा विजय शर्मा

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  2. Friends best wishes for fight from many translators of sools. We all with u for any kind of help.

    RAJEEV SHARMA

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  3. आप जो भी प्रयास कर रहे हैं उसके लिए शुभकामनाएं एवं हार्दिक धन्यवाद परंतु मैं आपकी एक बात से सहमत नहीं हूं| आपने लिखा है कि अंशदान करना अथवा न करना पूर्णतया स्‍वेच्‍छा का विषय है, मेरे हिसाब से यह गलत है क्योंकि जब फायदा सबको होगा तो अंशदान भी सबको करना चाहिए| बचा हुआ पैसा आप भविष्य के लिए रख सकते हैं| इस प्रकार से अधिकांश लोग अंशदान नहीं करेंगे| चित्रा वाधवा

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  4. धन्‍यवाद विजय शर्मा जी, एसोसिएशन के अध्‍यक्ष होने के नाते श्री दिनेश कुमार सिंह से हमारी टीम पिछले दिनों निरंतर संपर्क में रही है. उन्‍हें तमाम अनुरोध किए गए थे परंतु आज तक भी हमें कोई उत्‍तर नहीं दिया गया है एवं किसी भी अनुरोध पर सकारात्‍मक कार्रवाई अभी तक नहीं हुई है. हमारे लिए कोई विकल्‍प शेष न बचने पर आगे बढ़ना हमारी विवशता थी....मगर अब हम और अधिक ताकत और उत्‍साह के साथ आगे बढ़ रहे हैं. जो भी जरूरी काम हैं वो हम खुद कर रहे हैं.

    धन्‍यवाद राजीव शर्मा जी, इस सहयोग की भावना के लिए. अधीनस्‍थ कार्यालयों के साथियों को पैटीशनर्स में शामिल नहीं कर पा रहे हैं. इसका अर्थ कदापि यह नहीं लगाया जाना चाहिए कि हम किसी स्‍वार्थ के वशीभूत ऐसा कर रहे हैं. बल्कि अधिकवक्‍ताओं के साथ लंबे परामर्श के उपरांत तय की गई रणनीति का हिस्‍सा है जिसमें हमें कदम दर कदम सावधानी से मंजिल की ओर बढ़ना है. यह लाभ अगर हमें मिला तो अधीनस्‍थ कार्यालयों के साथियों को भी मिलकर ही रहेगर. और इसके लिए हमारी टीम सदैव आपके साथ खड़ी मिलेगी. हां, कोई गलतफहमियां न हों, इसीलिए हम इस स्‍तर पर अधीनस्‍थ कार्यालयों के साथियों से आर्थिक सहयोग नहीं ले रहे हैं.

    धन्‍यवाद चित्रा जी,
    आपका कहना सही है कि सभी को अंशदान करना चाहिए. परंतु हमारा मानना है कि हम केवल तभी अंशदान करें जब इस केस पर हमें विश्‍वास हो, इसके जीत अथवा हार की जिम्‍मेदारी में हम अपना हिस्‍सा समझें, सबसे पहले मामले से अवगत हों, एक प्रकार से निर्णय लेने की प्रक्रिया में हम सबका हिस्‍सा हो, बस किसी के कह देने भर से किसी को अंशदान नहीं दिया जाना चाहिए. ये सब हम इसलिए कह रहे हैं कि हमारे बीच में से ही बहुत से साथी निराशा के ऐसे भंवर में डूबे हैं कि उन्‍हें कोई भी सार्थक प्रयास प्रोपेगेंडा ही नज़र आता है. इसलिए हम किसी को बाध्‍य नहीं कर सकते. हम सभी पढ़े-लिखे और बुद्धिजीवी लोग हैं हमें अपने विवेक से निर्णय लेने चाहिएं. हां, जहां तक हमारी टीम का संबंध है हम अधिक से अधिक पारदर्शिता का प्रयास पहले ही रखते हैं और सदैव हर प्रश्‍न का उत्‍तर देने के लिए तैयार हैं.
    सभी आपकी ही तरह सोचने लगें तो फिर समस्‍या ही क्‍या है ?
    पुनश्‍च धन्‍यवाद.

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  5. इस अभियान में सी एस ओ एल के अलावा अन्य अनुवादकों को भी शामिल किए जाने की आवश्यकता है। पेटीशन के प्रेयर में सभी अनुवादकों को शामिल किया जाए और अंशदान भी सबसे लिया जाए। इससे अनुवादक बिरादरी की शक्ति बढेगी -

    रघुबर सिंह ,वायदा बादार आयोग, मुंबई मोब 9892124976

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  6. आदरणीय आर्य जी

    सादर प्रणाम

    अनुरोध है कि दीपावली के बाद की नवीनतम जानकारी उपलब्‍ध कराएं

    सादर सहित
    डा विजय शर्मा

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