Saturday 19 October 2013

क्‍या आप साथ देंगे 4600 ग्रेड पे लिए दायर किए जाने वाले केस में ?

प्रिय मित्रो, अब तक के अपडेट्स से आप जान ही चुके हैं कि सीएसओएलएस संवर्ग के अनुवादक 1.1.2006 से कनिष्‍ठ अनुवादकों हेतु 4600 ग्रेड वेतन लागू किए जाने के संबंध में शीघ्र ही कैट की दिल्‍ली ब्रांच में एक केस फाइल करने जा रहे हैं. 15 अक्‍तूबर को हुई अनुवादकों की एक विशेष बैठक में सभी ने सर्वसम्‍मति से यह फैसला लिया है. इस बैठक के बाद आए एक और कैट फैसले ने न केवल हमारे उत्‍साह को बढ़ाया है बल्कि इस बात की भी पुष्टि की है कि हम एकदम सटीक दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. हमारे पास अब समय बहुत कम है. बहुत तेजी से कार्य करने की आवश्‍यकता है. हम सभी जानते हैं कि कोर्ट केस में वकील की फीस व अदालती प्रक्रिया में काफी खर्च आता है. यह कुछ लोगों के बस की बात नहीं होगी. जब इस केस का फायदा सभी को होना तय है तो क्‍यों न हम सभी मिलकर इस जंग को लड़ें ताकि हर कंधे पर बोझ कम पड़े. हमारी कोआर्डीनेशन टीम अगले सप्‍ताह में वकील तय करने से लेकर ड्राफ्टिंग आदि के कार्यों को सम्‍पन्‍न कर लेगी. वकील से उनकी फीस तय होने के उपरांत कोऑर्डीनेशन कमेटी प्रति व्‍यक्ति अंशदान की राशि तय करेगी. हमारी कोशिश है कि यह राशि कम से कम रखी जाए. मगर उससे पहले हमारे लिए यह जानना आवश्‍यक है कि हममें से कौन कौन इस केस में अंशदान के लिए तैयार है? ताकि हमें हमारी ताकत का अंदाजा हो और हम आगे की प्रक्रिया को बिना समय गंवाए आगे बढ़ा सकें. यह केस कनिष्‍ठ अनुवादकों एवं वरिष्‍ठ अनुवादकों दोनों से समान रूप से जुड़ा है. अतएव सभी अनुवादकों से अपेक्षा है कि आप आगे आकर इस आखिरी लड़ाई में हमारी ताकत बनें. ये हम सबकी अपनी लड़ाई है.

अभी हम उन साथियों की एक सूची तैयार कर रहे हैं जिनसे हमें अंशदान की राशि तय होने के उपरांत संपर्क करना है. यदि आप इस संघर्ष में अपना सहयोग व अंशदान देना चाहते हैं तो (मंगलवार तक)

* कृपया इस पोस्‍ट के कमेंट सैक्‍शन में सिर्फ YES पोस्‍ट कर दें.
* अथवा 09711337404 (सौरभ आर्य) / 09871136098 (दीपक डागर) पर "YES FOR 4600" लिख कर अपना NAME and Department का नाम SMS कर दें.
* आप चाहें तो नाम और विभाग का नाम अपने फोन नंबर सहित कमेंट सैक्‍शन में भी पोस्‍ट कर सकते हैं.
* अथवा ई मेल आईडी translatorsofcsols@yahoo.in पर भी भेज सकते हैं.

नोट: चूंकि यह मामला सीएसओएलस सहित अधीनस्‍थ कार्यालयों के अनुवादक साथियों के लिए भी समान रूप से संबंध रखता है इसलिए इस प्रयास में सभी का स्‍वागत है.

अपील : कृपया इस संदेश को अधिक से अधिक अनुवादक साथियों तक पहुंचाने का कष्‍ट करें. ONLINE या OFFLINE ये संदेश सभी तक पहुंचना चाहिए. अब जब यह हम सबकी अपनी जंग है तो इससे ज्‍यादा और क्‍या कहूं. चलिए जुट जाते हैं जी-जान से इस आखिरी प्रयास में 

21 comments:

  1. सहमत
    किन्तु यह जानना आवश्यक है कि केस करने वालों की विधिक स्थिति क्या है,
    एसोसिएशन में इस समय किस कार्यकारिणी का गठन किस प्रकार है
    सदस्यों के इस्तीफे के बाद क्या स्थिति है आदि आदि
    डॉ राजीव कुमार रावत, हिन्दी अधिकारी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर 721302
    dr.rajeev.rawat@gmail.com
    9641049944 9564156315
    जून 2004 से अगस्त 2009 तक में क हि अ था फील्ड गन फैक्टरी कानपुर में


    सादर

    ReplyDelete
  2. YES! Though the issue is common to all of us but I have a doubt that whether all the translators who are working under different departments/ministries and also are not part of any registered association can jointly approach the tribunal. In my understanding situation requires for filing of multiple petitions at different places. I think you need to discuss this point with your advocate and if the advocate suggest some way that all the translators belonging to different ministries/department at different places in India who are not part of any common cadre or association can jointly file the case, please explain the same.

    The situation for translators of CSOLS is different. The association of CSOLS can file a case on behalf of all its member under its name in a single petition.

    ReplyDelete
  3. प्रिय श्री सौरभ जी, सस्नेह नमस्कार

    बैठक में लिए गए निर्णय अत्यंत सुयोग्य हैं और मैं समझता हूँ कि सभी अनुवादकों को इन पर कोई आपत्ति नहीं हैं और सभी इन निर्णयों से सहमत हैं। क्योंकि 'योजकस्तत्र दुर्लभ:' - मार्गदर्शकों की कमी नहीं होती मगर योजक की, योजनाबद्ध तरीके से कार्य को संपन्न करनेवालों की कमी होती है। इस कमी को अनुवादक मंच और अभी गठित आठ सदस्यीय को-आर्डिनेशन कमीटी पूरी कर रही है।

    अनुवादक गण के लिए आपके और आपके साथियों द्वारा तात्विक रूप से लडी जानेवाली केस में सिद्धि प्राप्ति के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ। साथ में आठ सदस्‍यीय को-आर्डीनेशन कमेटी के सभी सदस्य को भी हार्दिक बधाइयाँ।

    आशा करता हूँ कि संभाव्य/आवश्यक अंशदान देने/भेजने में भी हमारे अनुवादक साथी हिचकिचायेंगे नहीं।
    शरत्कुमार ना काशीकर्

    ReplyDelete
  4. सर
    मैने कल का आपका ब्लाग पढा और मैने अपने कई मित्रों से बात की है सभी आपके इस नेक कार्य के लिए आपका साथ देने के लिए तैयार हैं जिसमें से पासपोर्ट कार्यालयों के कई अनुवादक साथी तथा लखनऊ में विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत अनुवादक हैं आप केवल खाता संख्या बताइए तथा राशि बताइए हम सभी अतिशीघ्र अपना अंशदान आपतक पहुंचाएंगे।
    शुभकामनाओं सहित सादर।

    दिनेश सिंह, बरेली

    ReplyDelete
  5. YES,सौरभ आर्य जी,नमस्कार, आप सभी का प्रयास अतिशय सराहनीय है.कृपया यह बताने का कष्ट करें कि क्या हम अधीनस्थ कार्यालय के अनुवादक csols के साथ jointly केस कर सकेंगे और उसका लाभ हमें भी बिना किसी अड़चन के मिल सकेगा.और केस करने पर हमारे कार्यालय से भी सारी सूचनाएं कब और कैसे माँगी जायेंगी.और पूरा proceedure क्या होगा? कृपया शीघ्र सूचित करें .अंशदान हम सहर्ष देंगे.

    ReplyDelete
  6. YES
    Sanjeev Khichar
    EPFO
    Jaipur, Rajasthan

    ReplyDelete
  7. Yes
    NAVIN KUMAR JHA

    INDIAN AUDIT & ACCOUNTS DEPARTMENT
    Mob: 07890859787
    emailid: mab4nkjha@gmail.com
    tuktukbaua@gmail.com

    ReplyDelete
  8. अंशदान के लिए पूरी तरह सहमत हैं मेरी दो बातेों का ध्याबन रखें जैसेकि श्री काशीकर जी ने वि‍गत बलाग के माध्य म से सुझाव दिया है कि स्वा मी न्यू ज के जनवरी 2013 के आर्टीकल में यह कहा गया है कि एक न्या यालय के द्वारा प्रदान किए गए निर्णय उसी तरह की परिस्थितयों पर भी लागू होता है इसमें अलग से केस करने की आवश्यएकता नहीं होती इस संबंध में काशीकर जी के कथन हैं कि " मैंने एक कोर्ट आदेश पढा (Swamy's News Item 12 page 86, January 2013) जिसका आशय यह है कि “Service benefit granted to an employee by a judiciary in a case is applicable to similarly situated other employees of a department without the other employees of the department approaching the judiciary for the same benefit." यह आदेश हमें भी पूर्ण रूप से लागू होता है।

    एवम कई बार विभाग के द्वारा यह भी कहा जाता है कि इसमें हमारे पास कोई प्रतिवेदन प्राप्त नहीं हुआ 1 समस्तf अनुवादकों की ओर से एक केस हो सकता है क्यात यह भी व्य क्ति विशेष के द्वारा ही दायर किया जाएगा ओर उसे ही लाभ मिलेगा कृपया इसका स्पकष्टी्करण सभी साथियों को अवश्यव दें ताकि कोई भ्रम की स्थिति न रहे ।


    शीघ्र मंगलवार 22 अक्‍तूबर 13 तक स्‍पष्‍टीकरण की अपेक्षा के साथ

    डा विजय शर्मा

    ReplyDelete
  9. Yes
    Junior Hindi Translator
    Indian Audit & Accounts Department.

    ReplyDelete
  10. सौरभ जी,
    जैसा कि पहले काशीकर जी ने फिर शर्मा जी ने इंगित किया है-- "(Swamy's News Item 12 page 86, January 2013) जिसका आशय यह है कि “Service benefit granted to an employee by a judiciary in a case is applicable to similarly situated other employees of a department without the other employees of the department approaching the judiciary for the same benefit." यह आदेश हमें भी पूर्ण रूप से लागू होता है।"' यदि केवल इसी का सहारा लेकर पहले वाले केस के निर्णयों को IMPLEMENT करवाया लिया जाए तो किसी और को केस करने की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी.अतः इस ओर भी कृपया ध्यान दे.सभवतः यह कार्य अधिक सुगम रहेगा.-माधवी

    ReplyDelete
  11. हम सब आप के साथ हैं । एक अनुरोध है कि केस के.स.रा.भा.सेवा के किसी एक अनुवादक द्वारा ही दायर किया जाए । सभी अनुवादकों का एक साथ केस करना आचरण नियमावली का उल्‍लंधन हो सकता है यद्यपि इस बारे में मुझे स्‍पष्‍ट जानकारी नहीं है । अंत में सबसे महत्‍वपूर्ण बात यह है कि केस में मुख्‍य प्रतिवादी सचिव, व्‍यय विभाग, वित्‍त मंत्रालय को बनाया जाए और द्वितीय प्रतिवादी सचिव, राजभाषा विभाग को बनाया जाए क्‍योंकि अंततोगत्‍वा निर्णय वित्‍त मंत्रालय द्वारा ही लिया और लागू किया जाएगा । इसलिए अपने-अपने मंत्रालय के अधिकारियों को प्रतिवादी न बनाया जाए ।

    ReplyDelete
  12. आदरणीय आर्य जी
    सादर नमस्‍कार
    जैसे कि सत्‍येन्‍द्र पाल पांडे जी ने लिखा है केस एसोशियेश्‍न की ओर से हो और इसमें अन्‍य को शामिल करने की आवश्‍यकता नहीं है
    भारत सरकार के समस्‍त हिंदी अनुवादकों की ओर से एक ही केस हो वैसे भी इस केस के बारे में ध्‍यान से देखा जाए तो स्‍वामी न्‍यूज का हवाला देकर एक आदेश सभी के लिए पारित किया जाए यदि फिर भी सरकारी बाबू नहीं मानते तो सौ अनुवादक अपने कार्यालय में पहले प्रतिवेदन दें और उसके बाद यदि विभाग रिजेक्‍ट करता है तो ही केट में कर्मचारी जा सकता है आज की तारीख में राजनेताओं से संपर्क साध कर भी कार्य हो सकता है ऐसा मेरा मानना है।
    डा विजय शर्मा

    ReplyDelete
  13. आदरणीय आर्य जी
    इस संदर्भ में अनुरोध है कि काशीकर जी के विचारों को अधिमान दिया जाए जो वह कह रहे हैं व सोचते हैं उनका लाईन आफ एक्‍शन बहुत सही होता है बेशक वह एक अनुवादक के पद पर कार्यरत हैं परंतु प्रशासन के कार्य जिसमें वेतन निर्धारण आदि भी हैं उनके द्वारा भी किया जाता है और वह इसमें विशेषज्ञ हैं । उनसे भी दूरभाष से संपर्क किया जाए । सभी की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल व्‍यय विभाग के अधिकारियों से मिले जिसमें व्‍यय विभाग के अनुवादक भी शामिल हों ।
    डा विजय शर्मा

    ReplyDelete
  14. आदरणीय आर्य जी
    अनुरोध है किलिए गए निर्णयो पर नवीनतम स्थिति से अवगत करवाया जाए

    डा विजय शर्मा

    ReplyDelete
  15. Yes, I am with you in this campaign..., तन, मन धन सेा

    ReplyDelete
  16. मित्रो,
    संघे शक्ति कलयुगे । एर्नाकुलम कैट के फैसले के बाद स्थिति काफी साफ हो चुकी है। मेरा मत है कि जब सी एस ओ एल के समान बाकी अनुवादकों को भी वेतनमान मिलना है तो बाकी अनुवादकों को भी इस मुहिम में क्यों न शामिल किया जाए। इससे वित्तीय मुश्किलें भी कम होंगी । रघुबर सिंह , मुंबई 9892124976

    ReplyDelete