Sunday 15 July 2012

सहायक निदेशकों हेतु सविनय - अफवाह से बचें


सहायक निदेशकों हेतु सविनय
अफवाह से बचें

सक्रिय अनुवादकों की हमारी टीम ने जब चुनाव के लिए मुद्दे निर्धारित किए तो यह भी घोषित किया कि भविष्‍य में काम करने के सभी मु्द्दे व्‍यापक विचार विमर्श से निर्धारित किए जाएंगे. इसके लिए अपने चुनावी पैम्‍फलेट में हमने सभी अनुवादक साथियों से मुद्दे आमंत्रित किए हैं. हमारी टीम के समक्ष यह स्‍पष्‍ट है कि भविष्‍य में काम करने  के सभी मुद्दे मिलजुल कर बनाए जाएं जिससे कनिष्‍ठ अनुवादक से लेकर निदेशक (राजभाषा) तक के हितों में कोई अंतर्विरोध न हो. लेकिन, हमारी टीम के विरुद्ध दुष्‍प्रचार करने वाले एक गुट ने यह अफवाह फैलाई है कि हमारी टीम को सहायक निदेशकों के हितों की परवाह नहीं है. इस संदर्भ में हमारी टीम का यह वादा है कि –
1.      हम सहायक निदेशक के पद पर सीधी भर्ती का पुरजोर विरोध करेंगे. यदि नियमानुसार यह अपरिहार्य ही हुआ तो हम उसके लिए सीटों का प्रतिशत कम से कम रखने के लिए तथा शैक्षणिक योग्‍यता और अनुभव अनुवादकों के पक्ष में करवाने के लिए अंतिम सिरे तक जाकर संघर्ष करेंगे.
2.      हमारा प्रथम प्रयास यह होगा कि सीधी भर्ती की अवधारणा को समाप्‍त ही कर दिया जाए और उसके विकल्‍प के रूप में विभागीय परीक्षा को अपनाया जाए. प्रथम दो विभागीय परीक्षाओं में आयु सीमा में पर्याप्‍त छूट दी जाए.
3.      हम राजभाषा विभाग द्वारा पिछले वर्षों की सीधी भर्ती की सीटों को भरने के नाम पर तदर्थ सहायक निदेशकों को रिवर्ट करने के किसी भी प्रयास (जैसी की अफवाह फैलाई जा रही है) के विरुद्ध अंतिम सांस तक संघर्ष करेंगे.
4.      हम 1986 से राजभाषा संवर्ग में व्‍याप्‍त वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए भी प्रयास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.  

सहायक निदेशकों और अनुवादकों के हित समान ही हैं. अत: सहायक निदेशकों से अनुरोध है कि हमारे मिशन में सक्रिय सहयोग दें.

5 comments:

  1. मैंने आपका ब्लॉग कुछ रोज़ पहले से देखा है। आपके विचारों को पढ़कर लगता है कि आपमें भरपूर उत्साह और अनुवादकों के लिए बहुत कुछ करने की ललक है। आज जोशोखरोश से भरे युवाओं के हाथ में अनुवादक संघ की बागडोर आने पर मन में एक आस बंधी है कि इस संवर्ग के भलाई के कामों को अंजाम दिया जाएगा।

    मैं सहायक निदेशक के कुछ प्रतिशत पद विभागीय पदोन्नति परीक्षा के माध्यम से भरने के लिए आपसे पूर्णतया सहमत हूँ। जैसा कि आप जानते हैं कि केन्द्रीय सचिवालय सेवा के अनुभाग अधिकारी के कुछ प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाते हैं और कुछ पदोन्नति से और कुछ विभागीय परीक्षा के माध्यम से। लेकिन इसमें पेंच यह है कि जहाँ केन्द्रीय सचिवालय संवर्ग के विशाल होने के कारण सैंकड़ो पद विभागीय परीक्षा के जरिए भरे जाते हैं, वहीं राजभाषा संवर्ग में पदों की संख्या तुलनात्मक रूप से अत्यन्त कम होने के कारण कहीं संबंधित पदाधिकारी इसे सिरे से ही न नकार दें। फिर भी, आपमें इसका प्रावधान कराने का विचार तो है, यह बहुत बड़ी बात है और कौन जाने आप भविष्य में यह सीमित विभागीय परीक्षा आयोजित करवाने में सफल भी हो जाएं जो वास्तव में इस छोटे-से संवर्ग के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी। यह विभागीय परीक्षा इसलिए ज़रूरी है जिससे प्रतिभाशाली अनुवादक अपनी बद्धि और ज्ञान के बल पर अपने लिए योग्य पद पर सुशोभित हो सकें। मैंने आज से डेढ़ दशक पहले यह मुद्दा उठाने का प्रयास किया था, लेकिन इसे अज्ञात कारणों से किसी ने प्रोत्साहित नहीं किया। मैं सोचता हूँ कि आप भी यही विचार रखते हैं, तो इसकी व्यवस्था कर दिए जाने पर बुद्धिमान अनुवादकों को तो लाभ होगा।

    एक बात और, अगर आप सहायक निदेशकों का सहयोग चाहते हैं, तो आप उन्हें स्पष्ट रूप से अपने संघ में सम्मिलित क्यों नहीं करते? आपने अपने संघ या एसोसिएशन को केवल अनुवादकों तक ही सीमित क्यों रखा है? आपने इसका नाम केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अनुवादक एसोसिएशन क्यों रखा है? अगर इसका नामकरण केन्द्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा कार्मिक एसोसिएशन होता, तो क्या आपके विचार में यह अधिक सशक्त और प्रभावकारी न होता? आप जैसे प्रबुद्ध लोगों को यह समझाना बेमानी है कि एकता में बल है। अलग-अलग अंगुलि कोई बड़ा काम करने में समर्थ और सक्षम नहीं होती लेकिन जब ये पाँचों अंगुलियाँ मिलकर मुट्ठी बनती हैं, तो कयामत ला देती हैं, हिलाकर रख देती हैं, कायाकल्प कर देती हैं। निदेशक से लेकर कनिष्ठ अनुवादक तक के साझा हित हैं, अगर निदेशक को लाभ होता है, तो कनिष्ठ अनुवादक को परोक्ष रूप से फायदा मिलता है। मान लीजिए, अगर नियमों में संशोधन करके अनुभवी निदेशक को संयुक्त सचिव के पद पर नियुक्त कर दिया जाता है, तो इसके परिणामस्वरूप उत्पन्न हुई रिक्ति एक संयुक्त निदेशक पदोन्नति पाएगा और संयुक्त निदेशक के स्थान पर उप निदेशक। यह तो पूरी शृंखला है और हम सभी एक-दूसरे से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं। इसलिए अधिकारियों और अनुवादकों को मिलाकर एक यूनियन बनाना मेरी नाकिस राय में बेहतर होगा। वैसे अधिकारियों को भी इसके लिए मनाना टेढ़ी खीर है क्योंकि अहम् का प्रश्न है। इसलिए ऐसा आभास होता है कि जो व्यवस्था चल रही है, वैसे ही चलती रहेगी।

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  2. और जहाँ तक तदर्थ सहायक निदेशकों को रिवर्ट करने का मुद्दा है, इसके दूरगामी परिणाम होंगी क्योंकि इसके फलस्वरूप तदर्थ वरिष्ठ अनुवादक भी प्रभावित होंगे।

    आज संवर्ग समीक्षा के अनुमोदन को लगभग एक वर्ष होने वाला है, लेकिन असंतोष का विषय है कि इसके परिणामस्वरूप उत्पन्न होने वाले सभी पद अभी तक पदोन्नति के माध्यम से भरे नहीं गए हैं। रोज़ नया से नया बखेड़ा खड़ा हो जाता है। और तो और, लोगों को कनिष्ठ अनुवादक से वरिष्ठ अनुवादक के पद पर भी पदोन्नत नहीं किया गया है। इसे देखते हुए तदर्थ सहायक निदेशकों को उप निदेशक के पद पर पदोन्नत करने की बात तो और भी कठिन लगती है। क्या इसके लिए भर्ती नियमों में संशोधन की ज़रूरत है? या फिर UPSC की मंज़ूरी चाहिए? संवर्ग समीक्षा के बाद राजभाषा विभाग के पत्र में यह लिखा गया था कि सभी परिणामी रिक्तियाँ (resultant vacancies) पदोन्नति के माध्यम से भरी जाएंगी, तो फिर निदेशक और संयुक्त निदेशक के पदों को प्रतिनियुक्ति के माध्यम से भरने की कवायद क्यों की जा रही है? क्या इसके लिए कुछ किया जा रहा है क्योंकि इसके परिणामस्वरूप 20-25 व्यक्ति प्रभावित होंगे? तदर्थ सहायक निदेशकों को उप निदेशक के पद पर promote करने का मुद्दा किस चरण पर है? क्या इसके लिए पहले उन्हें नियमित किया जाएगा या फिर सीधे ही पदोन्नत किया जाएगा? आखिर ख्याली पुलाव पकाने में हर्ज़ ही क्या है?! एक वर्ष बीत जाने के उपराँत भी नतीजा सिफर-सा लगता है, खासकर तदर्थ सहायक निदेशकों और वरिष्ठ अनुवादकों के संबंध में? क्या यह मुद्दा आपके एजेंडे में है? वैसे आज ही
    आपने कमान संभाली है, इसलिए आपसे बहुत ज़्यादा अपेक्षा करना ज़्यादती होगी क्योंकि आपको इन ज़मीनी हकीकतों से दो-चार होने और अनुभव प्राप्त करने में कुछ समय तो लगेगा और कौन जाने एसोसिएशन की बात को हमारे प्रबुद्ध अधिकारीगण तरजीह देते हैं या नहीं।

    फिर भी, मैं आपको यह नई भूमिका ग्रहण करने पर हार्दिक शुभकामनाएं देता हूँ और आशा करता हूँ कि सभी पदाधिकारी इस समूचे संवर्ग का भला करने का प्रयास करेंगे।

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  3. अनुमान है कि वर्तमान में आप सभी विजय के उल्लास में व्यस्त होंगे और कुछ दिन बाद उपर्युक्त मुद्दों के संबंध में अद्यतन जानकारी या अपने विचारों से अवगत कराएंगे।

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  4. aap sab milkar kam karo . hamari shubhkamnayen.

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  5. sabke hiton ka dhyan rakh kar aage bado.

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