Tuesday 17 July 2012

अपार, अभूतपूर्व और असाधारण ......लोकतंत्र की भारी जीत.

आखिरकार 15 वर्षों बाद लोकतंत्र का महापर्व संपन्‍न हुआ. कैडर के भारी समर्थन से अंतत: हमारी टीम का विजय ध्‍वज लहराया. इस अपार नैतिक समर्थन के लिए हम कैडर के सभी साथियों का हृदय से आभार व्‍यक्‍त करते हैं. आज 300 से अधिक मतदाताओं का मात्र दो पदों के लिए हो रहे मतदान में आना साफ कर गया कि लोगों के हृदय में परिवर्तन की इच्‍छा बहुत प्रबल है और बुद्धिजीवियों का यह कैडर सही और गलत में भेद करने का विवेक रखता है. पुन: बहुत बहुत धन्‍यवाद.

चुनाव परिणाम की घोषण के उपरांत विजयी
श्री सौरभ आर्य एवं श्री पांडेय राकेश  श्रीवास्‍तव


चुनाव परिणाम :


कुल वैध मत                    : 301
श्री सौरभ आर्य                 : 263
श्री पांडेय राकेश श्रीवास्‍तव  : 258
श्री प्रेमचंद यादव               : 63










आगामी 26 जुलाई (गुरूवार) को नई एसोसिएशन की एक परिचय बैठक (आम सभा) बोट क्‍लब पर दोपहर 1 बजे आयोजित की जाएगी. सभी अनुवादक साथी एवं तदर्थ सहायक निदेशक (रा.भा.) इस बैठक में आमंत्रित हैं. 




चुनाव परिणाम की घोषणा के उपरांत के कुछ पल 


विजय की घोषणा के बाद दोनों विजयी उम्‍मीदवारों को माल्‍यार्पण कर
बधाई देते एसोसिएशन के पूर्व अध्‍यक्ष श्री शिव कुमार गौड 

मतगणना की प्रक्रिया को संपन्‍न करते चुनाव अधिकारी श्री सत्‍यपाल 

विजय के उपरांत प्रसन्‍नता को सांझा करते टीम के सदस्‍य
विजय के उपरांत प्रसन्‍नता को सांझा करते टीम के सदस्‍य

6 comments:

  1. My heartiest felicitations to both of you and your team. The enthusiasm which was visible at the polling centre will always remain in our minds and hearts. God bless you.

    ReplyDelete
  2. vishakha bisht17 July 2012 at 20:02

    Wooohooo!!!! MANY CONGRATULATIONS TO THE WELL-DESERVED WINNERS AND ALL TRANSLATORS FRATERNITY!!

    ReplyDelete
  3. बधाई हो! इस विजयपर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं। समूचे संवर्ग को आपसे असीम अपेक्षाएं हैं और विश्वास है कि आप उसकी कसौटी पर खरे उतरेंगे।

    ReplyDelete
  4. भेडि़ये और सियार अब जंगलों में नहीं रहते। मैंने उन्‍हें इसी बड़े शहर में देखा। बिच्‍छु अब पत्‍थरों से उपर आ चुके हैं जिनके डंक इतने लम्‍बे हो गये कि वे अपनी कार्रवाई करके भाग जाते हैं। भेडि़ये ने कोट-पैंट सिलवा लिये। सियारों ने घर बनवा लिए और बिच्‍छुओं का वंश-वृक्ष फूलने-फलने लगा। अश्‍लीलता अब तुम शरीर में नहीं रहती, उलट कर दिमाग में आ गई हो। कुरूपता तुम अब एक चेहरा नहीं विचार हो। शैतान तुम्‍हें अब मुखौटे की जरूरत नहीं रही और तुम्‍हारे मस्तिष्‍क की नसें अब फूली हुई नहीं हैं जैसे बर्तोल्‍ल ब्रेख्‍त की कविता में थीं। अब तुम स‍ब लोग शान से रह सकते हो। अब ज्‍यादातर तुम्‍हारे बिरादर ही यहां रहते हैं। हम लोग तुम्‍हें देखते रहते हैं कुछ भय, कुछ घृणा और कुछ सहानुभुति से।

    ReplyDelete
  5. JEET MUBARAK. NOW ITS TIME TO DELIVER AND SHOW PEOPLE WHO DESERVE THE OFFICE. MY HEARTIEST CONGRATULATIONS AND BEST WISHES.IN DEMOCRATIC SET UP THE JUDGEMENT OF PEOPLE IS BINDING AND ACCEPTABLE TO ALL. ONCE AGAIN MY BEST WISHES TO YOU. DONT CARE FOR CRITICISM. IT HAPPENS IN ELECTIONS.NOW ITS TIME TO MOVE FORWARD. ................................................... PRADEEP KUMAR

    ReplyDelete
  6. congratulation! keep it up. here comes the real test, how do you keep us together and march ahead, we have long been marginalised.

    ReplyDelete